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1. डिस्पोजल सेनेटरी नैपकिन और पैड
सेनेटरी नैपकिन कई तरह के साइज, शेप और फैब्रिक्स में आते हैं।
पीरियड्स के दौरान कॉटन पैंट्स सबसे अच्छा होता है क्योंकि उसमें अब्सर्बेंट सेल्यूलोज कोर होता है। कॉटन पैड के इस्तेमाल से वह एरिया ड्राई रहता है, कोई भी स्किन इरिटेशन और रैशेज नहीं होते हैं।
जेल पैड लिक्विड पॉलीमर होता है जो खून को जल में बदल देता है।
प्लास्टिक और सिंथेटिक पैड इसका इस्तेमाल शरीर के नुकसान दे होता है क्योंकि इसमें डायोक्सीन केमिकल मौजूद होता है।
सिलिकॉन और लेटेक्स पैड के इस्तेमाल से स्किन एलर्जी से रैशज हो सकते हैं। पीरियड्स के समय हमें पैड 6 घंटे के बदलना चाहिए। वरना इंफेक्शन या रेसेज हो जाते हैं।
2. रियसाबल सैनिटरी नैपकिंस
ऐसे नैपकिंस का इस्तेमाल लगातार 2 साल तक किया जा सकता है। साथ ही यह स्किन को नुकसान नहीं पहुंचा दें क्योंकि ऐसे पेट कपड़े से बने हुए होते हैं।
3. टैम्पोन
टैम्पोन पैड की तरह ही होते हैं लेकिन इसे वजाइना के अंदर डाला जाता है। इससे भी पेट की तरह 6 घंटे के बाद बदलना होता है। अगर इसे सही समय पर बदला ना जाए तो staphylococcal infection होने का भी खतरा रहता है। इसके अलावा इसके इस्तेमाल से टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम होने का भी खतरा रहता है।
4. मेंस्ट्रूअल कप
यह सिलिकॉन रबर से बना हुआ होता है और इसे भी वजाइना के अंदर डाला जाता है। लेकिन यह खून को अब जॉब नहीं करता बल्कि इसे कलेक्ट करता है। इसमें सबसे अच्छी बात नहीं है कि से 6 घंटे में नहीं बदलना पड़ता है, 12 घंटे के बाद निकालकर इसे साफ कर आप फिर से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसका इस्तेमाल 5 साल तक आराम से किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से राशि से कोई इंफेक्शन भी जल्दी नहीं होता है। लेकिन इसे इस्तेमाल करने के बाद गर्म पानी से इसे धोना जरूरी है।
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