Nautapa 2025: क्या है नौतपा? 9 दिनों की झुलसाती गर्मी के पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक सच्चाई

हर साल मई-जून में नौ दिन झुलसाने वाली गर्मी क्यों पड़ती है? जानिए नौतपा क्या है, कब होता है, और इसके पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं।

author-image
Vaishali Garg
New Update
Follow These Simple Tricks To Avoid Heat Stroke In Summer

Photograph: (freepik)

Nautapa 2025: गर्मियों के मौसम में एक समय ऐसा आता है जब सूर्य की तपन अपने चरम पर होती है। इसी समय को 'नौतपा' कहा जाता है। यह नाम जितना रोचक है, इसकी परंपरा और मान्यताएं उतनी ही गहरी और दिलचस्प हैं। नौतपा का संबंध न केवल मौसम और तापमान से है, बल्कि धार्मिक और खगोलीय दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है। आइए विस्तार से जानते हैं नौतपा क्या है, कब होता है और इसके पीछे की धार्मिक व वैज्ञानिक मान्यताएं क्या हैं।

Advertisment

क्या है नौतपा? जानिए इसके पीछे की धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं

नौतपा क्या है?

'नौतपा' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है 'नव' यानी नौ और 'तपा' यानी तपन। इसका अर्थ होता है नौ दिनों की अत्यधिक गर्मी। ये नौ दिन सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के बाद शुरू होते हैं। आमतौर पर यह समय 25 मई से 2 जून के बीच आता है।

Advertisment

इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती हैं, जिससे तापमान में तेजी से वृद्धि होती है। यह समय खेती-बाड़ी, मानसून की तैयारी और जलवायु परिवर्तन के संकेतों के लिए भी अहम माना जाता है।

धार्मिक मान्यताएं

भारतीय संस्कृति में सूर्य को देवता का रूप माना गया है। सूर्य को ऊर्जा, स्वास्थ्य और जीवन का स्रोत माना गया है। नौतपा के दौरान सूर्य की विशेष पूजा करने की परंपरा भी कई क्षेत्रों में देखने को मिलती है। मान्यता है कि इस समय सूर्य देव की उपासना से शरीर की ऊर्जा बढ़ती है और नकारात्मकता दूर होती है।

Advertisment

कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नौतपा के दिनों में भगवान सूर्य पृथ्वी पर विशेष दृष्टि डालते हैं और ये दिन तप और संयम के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। इस समय व्रत, जलदान, छाया दान और ताजे फल देने का भी विशेष महत्व होता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक रूप से नौतपा का संबंध पृथ्वी की स्थिति और सूर्य की किरणों के कोण से है। जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है, तो उसकी किरणें धरती पर लगभग लंबवत रूप से गिरती हैं, जिससे अधिक ताप उत्पन्न होता है।

Advertisment

इन नौ दिनों में वातावरण में गर्मी अपने चरम पर होती है और यह समय मानसून के आगमन की तैयारी का भी संकेत देता है। वैज्ञानिक मानते हैं कि नौतपा के दौरान जो गर्मी बढ़ती है, वही बाद में वाष्पन प्रक्रिया को तेज करती है, जिससे मानसून बनता है।

इस दौरान क्या करें और क्या न करें?

क्या करें:

Advertisment
  • अधिक से अधिक पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें
  • हल्का भोजन लें, जैसे खिचड़ी, दही, फल
  • धूप में जाने से बचें
  • तुलसी और नीम के जल से स्नान करना लाभकारी माना जाता है

न करें:

  • अधिक तला-भुना या गरिष्ठ भोजन न करें
  • अत्यधिक शारीरिक श्रम से बचें
  • धूप में बिना सिर ढके न निकलें