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Photograph: (freepik)
Know How To Take Care Of Your Garden In Summer: घर में अगर एक बगीचा हो और उसमें सुंदर फूल लगे हो तो उसकी बात कुछ अलग ही हो जाती है। इससे मन हो एक सुकून सा मिलता है, और आपका मूड फ्रेश रहता है। अभी गर्मियों का मौसम है। इस समय कई सुंदर और आकर्षक फूल आते है जिन्हें आप अपने बगीचे में लगा कर उसे एक नया रूप दे सकती है। लेकिन गर्मियों में मौसम में बढ़ते तापमान और गर्म हवा के कारण वातावरण की नमी कम होने लगती है फलस्वरूप पौधों की जड़ों तक की नमी कम होने लगती है। साथ ही तेज धूप के कारण पौधों में पानी की कमी भी हो जाती है। इन सब के कारण पौधों को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते और वो सूखने लगते है। आइए इस आर्टिकल में आपको बताते है कि कैसे आप इन गर्मियों में अपने बगीचे का ख्याल रख सकती है।
गर्मियों में ऐसे रखे बगीचे का ख्याल
1.इन फूलों को लगाए
अलग अलग फूल मौसम के अनुसार खिलते है। ऐसे में आपको सबसे पहले गर्मी के मौसम में खिलने वाले फूल लगाने चाहिए। इस समय गेंदा, सूरजमुखी, गुड़हल, जिननिया, गुलाब, मोगरा,पिटुनिया, लिली, डहेलिया, बोगनविलिया, अपराजिता, पोर्टलाका, पलाश और चमेली जैसे फूल आप अपने बगिया में लगा सकती है।
2. मिट्टी को तैयार करे
गर्मियों की शुरुआत में ही बगीचे की मिट्टी बदल दे। गर्मियों में ऐसी मिट्टी का उपयोग करे जिसमें भरपूर पोषक तत्व और अच्छी जल निकासी हो। इससे मिट्टी को भरपूर पोषक तत्व आसानी से मिल जाएंगे। साथ ही इसके बाद जैविक खाद का इस्तेमाल करे, जिससे लंबे समय तक पौधों में नमी बनी रहे और पौधों को ज्यादा से ज्यादा पोषण मिले।
3. रेगुलरली पानी दे
गर्मियों में पौधों में नियमित रूप से पानी दे क्योंकि इस समय पौधों की नमी कम हो जाती है और जड़ों तक पानी नहीं पहुंच पाता, जिससे पौधे सूखने लगते है। ऐसे में गर्मियों में दिन में 2 बार पौधों में जरूर पानी दे। इसके लिए धूप निकलने से पहले और शाम में धूप जाने के बाद का समय उचित रहेगा और पौधे हरे भरे बने रहेंगे। ध्यान रहे कि ज्यादा पानी भी ना डाले और उचित पानी निकलने की व्यवस्था भी रखे।
4. पौधों में मलचिंग करे
मिट्टी की सतह में पुआल, छाल, पत्तियाँ, या नारियल की भूसी की परत बिछाना ही मलचिंग है। इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है और खरपतवार कम हो जाता है। मलचिंग मिट्टी का टेम्परेचर बनाए रखती है, जिससे मिट्टी में नमी और ठंडक बनी रहती है और पौधे धूप और गर्मी से बचे रहते है।
5. पौधों को छाया दें
पौधों को सीधे धूप से बचाने के लिए उसके ऊपर गिर्द ग्रीन नेट लगा दें। इसके लिए पुरानी चादरों या साड़ियों का भी प्रयोग कर सकते हैं। इसे पौधों से 1 से 2 फीट ऊंचाई पर लगाए, जिससे पौधे सीधी धूप से बचे रहे
6. पोषण के लिए खाद
जैविक खाद का उपयोग करें। इसे फल-सब्जियों के छिलके से तैयार कर सकते है। पौधों के चारों तरफ गड्ढा कर ढाई इंच तक मिट्टी निकाल दें और उसमें वर्मी कंपोस्ट तथा कोकोपीट समान मात्रा में मिला दें। सरसों की खली, निंबोली और फलों-सब्जियों के छिलकों की तरल खाद बनाकर भी पौधे पर छिड़काव कर सकते है। 50 ग्राम सरसों की खली तथा 50 ग्राम निंबोली को 2 लीटर पानी में मिलाकर रातभर रखने के बाद सुबह छिड़काव करें। इससे अधिक फूल आयेंगे।
7. कीड़ों से पौधों को बचाए
जैसे-जैसे टेंपरेचर में वृद्धि होती है , वैसे वैसे रस चूसने वाले कीट- मिलीबग, सफेद मच्छर और हरे मच्छर का आदि बढ़ने लगते है। इनके नियंत्रण के लिए नीम का तेल 3 ml अथवा गोमूत्र 5 ml प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इससे आपके पौधे कीट से बचे रहेंगे।