/hindi/media/media_files/1yVGAQx6rQR6oLW4vlZ3.png)
Know The Importance And History Of Hindi Diwas 2023 (Image Credit - News24 Hindi)
Hindi Diwas 2023 Importance And History Of Hindi Diwas: हिंदी भारत में के महत्वपूर्ण भाषा है साथ ही यह दुनिया भर में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा को ही भारत की प्रमुख भाषा के तौर पर देखा जाता है। यह भाषा अब कई अन्य देशों में भी बोली जाती है। हिंदी भाषा की भूमिका और इसका महत्व भारतीयों के लिए बहुत अधिक है। कहीं न कहीं यही वजह है कि एक वर्ष में दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है। एक तो जनवरी में मनाया जाता है विश्व हिंदी दिवस के रूप में वहीं दूसरा सितम्बर में मनाया जाता है भारतीय हिंदी दिवस के रूप में। आइये जानते हैं इसे क्यों मनाया जाता है और इसका क्या कारण है।
भारत में कब मनाया जाता है हिंदी दिवस, जानिए महत्त्व और इतिहास
भारत में हिंदी दिवस 14 सितम्बर को मनाया जाता है। यह बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह वह दिन है जब भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक हिंदी को भारत सरकार की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। भारत में 22 भाषाएँ हैं उनकी 72507 लिपि हैं। भारत देश में इतनी सारी भाषाओं और विविधताओं के बीच हिंदी वह भाषा है जो हिंदुस्तान के हर एक व्यक्ति को एक दूसरे से जोड़ती है। इसके साथ ही पूरे देश में तमाम विविधताओं के बावजूद भी लोगों को हिंदी भाषा से जोड़ने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है।
हिंदी दिवस का महत्व
हिंदी भाषा और इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना है। भारत एक भाषाई विविधता वाला देश है जिसके विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों भाषाएँ बोली जाती हैं। आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में हिंदी, भाषाई अंतर को पाटने और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हिन्दी न केवल एक भाषा है बल्कि भारत की सांस्कृतिक अस्मिता की वाहक भी है। हिंदी दिवस मनाकर देश अपनी विविध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
हिंदी दिवस का इतिहास
हिंदी दिवस का इतिहास 20वीं सदी की शुरुआत में खोजा जा सकता है जब महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हिंदी की मान्यता और प्रचार की वकालत शुरू की थी। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान आंदोलन को गति मिली क्योंकि नेताओं ने एक आम भाषा के महत्व को पहचाना जो विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमि के लोगों को एकजुट कर सकती है। 14 सितंबर, 1949 को भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को देश की आधिकारिक भाषाओं में से एक के रूप में अपनाया। यह निर्णय आधिकारिक भाषा की पसंद पर लंबे समय से चली आ रही बहस का परिणाम था, जिसमें विभिन्न भाषाई समूह अपनी भाषाओं को आधिकारिक दर्जा दिलाने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। राजभाषा के रूप में हिंदी को अपनाना भाषाई सद्भाव और राष्ट्रीय एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। इस ऐतिहासिक घटना को मनाने के लिए 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में नामित किया गया था।
क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस
भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग कई भाषाएँ और लिपियाँ बोली जाती हैं। लेकिन हिंदी भाषा सभी भारतीयों को एक दूसरे से जोड़ने का काम करती है। अंग्रेजी भाषा के बढ़ते हुए चलन और महत्त्व को देखते हुए हिंदी भाषा के महत्त्व को बढ़ावा देने के लिए इस दिन की शुरुआत की गई। ताकि हिंदी भाषा के प्रचलन को बढ़ाया जा सके। हिंदी दिवस पूरे भारत में सांस्कृतिक कार्यक्रमों, सेमिनारों, वाद-विवाद और प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है जो हिंदी और इसकी साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत के उपयोग को बढ़ावा देते हैं। यह भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्र को एकजुट करने में हिंदी की भूमिका की याद दिलाता है।