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Wedding Rituals: जानें शादी के सात फेरों का मतलब

सनातन धर्म में 7 नंबर बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए यहां शादी के फेरे भी 7 होते हैं। हर फेरे में वचन भी 7 होते हैं और हर वचन का एक विशेष अर्थ होता है। आइये जानते हैं यहां इन फेरों के 7 वचनों का मतलब-

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Priya Rajput
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Wedding fere

Know The Meaning Of Seven Rounds Of Marriage (Image Credit: Pinterest)

Know The Meaning Of Seven Rounds Of Marriage: शादी एक नव विवाहित जोड़े के लिए केवल एक जन्म का नहीं बल्कि 7 जन्मों का रिश्ता होते है। जिसे मजबूत बनाने में शादी के सार फेरे बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। हर फेरे का स्वयं में बहुत महत्व होता है। जो एक शादी शुदा जोड़े को जीवन में आई हर कठिनाई से साथ लड़ने की शक्ति देता है। सनातन धर्म में 7 नंबर बहुत शुभ माना जाता है। आइये जानते हैं यहां इन फेरों के 7 वचनों का मतलब-

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शादी के सात फेरों का सही मतलब 

1. पहला वचन

पहला वचन धर्म कर्म से जुड़ा हुआ है जिसमें कन्या वर से वचन मांगती है कि वर कभी कोई हवन, पूजा, धर्म–दान का कार्य करेगा तो पत्नी को उसके अपने बाएं ओर बिठाएगा। अगर वर ये वचन स्वीकार करता है तो कन्या उसके बाएं ओर बैठती है।

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2. दूसरा वचन

दूसरा वचन बड़ो के मान सम्मान से जुड़ा है जिसमें कन्या वर से वचन मांगती है कि जिस प्रसार वर अपने माता पिता का मान सम्मान करता है वैसे ही उसके माता पिता और बड़ों का आदर सम्मान करें। यदि वर वचन स्वीकार करता है तो वधु उसके साथ में बैठना स्वीकार करती है।

3. तीसरा वचन

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तीसरे फेरे में कन्या वर से वचन मांगती हैं कि वर जीवन की हर परिस्थिति में चाहें युवावस्था हो, प्रौढ़ावस्था हो या वृद्धावस्था हो उसका साथ देगा और उसे सपोर्ट करेगा, कभी गलती करने पर उसके साथ खड़ा रहेगा और गलती सुधारने में उसकी मदद करेगा।

4. चौथा वचन

चौथे फेरे में कन्या वचन लेती है कि अब से कन्या के जीवन का उत्तरदायित्व वर का है। इस वचन से सिद्ध होता है कि वर की शादी तब करनी चहिए जा वह अपने पैरों पर खड़ा हो।

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5. पांचवा वचन

इस वचन में वर और कन्या एक दूसरे से वचन लेटे हैं कि अब से कहीं आने–जाने, खाने–पीने या जीवन कोई भी फैसला लेना से पहले एक दूसरे की सहमति लेंगे अनूठा कोई भी कार्य एक दूसरे से पूछ कर करेंगे।

6. छठा वचन

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छठे फेरे में कन्या वर से वचन लेती है कि ‘मैं अब से आपकी हर बात को मानूंगी, आपका हर काम खुशी से करूंगी, सास –ससुर की सेवा करूंगी और उनका आधार करूंगी।

7. सांतवा फेरा

सातवें और अंतिम फेरे में कन्या वर से वचन मंगती है कि अब से हर स्त्री को आप अपनी माता की दृष्टि से देखेंगे और हमारे पति पत्नी के अटूट रिश्ते में किसी तीसरी स्त्री को नहीं आने देंगे।

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ये सात वचन कन्या और वर के वैवाहिक जीवन में आयी हर परेशानी से लड़ने की ताकत देते हैं और उनके रिश्ते को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

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