Mother's Day 2025: जाने क्यों मनाया जाता है मदर्स डे, इस दिन को लेकर अलग अलग देशों की मान्यताएं

इस साल 2025 में 11 मई को मदर्स डे मनाया जाएगा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है इसकी तारीख कैसे बदल जाती है और इसकी शुरूआत कब हुई? आइए जानते है मदर्स डे को मनाने का कारण और अलग अलग देशो की मान्यताएं।

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Simran Kumari
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 MAA11MAY

Photograph: (FREEPIK)

Know why we celebrate mother's day different perspective of countries : मां ये महज शब्द नहीं इमोशंस है, ये इमोशन है हर उस बच्चे के जिसने दुनिया में आने से पहले मां को जाना और उसके साथ नौ महीने पहले से बिताए। मां हम सबके जीवन की ऐसी किरदार है जिसके बिना शायद ही हमें अस्तित्व मिल पाता। ऐसे ही मांओं के सम्मान में मनाया जाता है ‘मदर्स डे’, एक ऐसा दिन जो हमारी मांओं को समर्पित है। मां से एक बच्चे का रिश्ता बेहद ही खूबसूरत होता है और इसको खूबसूरत बनाता है मां का अपने बच्चे के प्रति प्यार त्याग और समर्पण। बच्चे के दिल में मां के लिए एक खास स्थान होता है। ऐसे में इस दिन को हर बच्चा अपनी मां के लिए यादगार बनाना चाहता है। वो चाहता है कि इस दिन वो अपनी मां के लिए लिए कुछ ऐसा करे जिससे उनको स्पेशल महसूस हो। पर क्या आपको पता है इस दिन की शुरुआत कब और कैसे हुई थी? आइए जानते है क्यों मनाया जाता है मदर्स डे और 50 से ज्यादा देश में मनाए जाने वाले मदर्स डे को लेकर अलग अलग देशों में क्या मान्यताएं है?

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क्यों मनाया जाता है मदर्स डे? जाने अलग अलग देशों में क्या है मान्यताएं

मदर्स डे को अलग अलग देशों में अलग तरीके से मनाया जाता है और इसको लेकर तारीख से लेकर मान्यता में भी अंतर देखने को मिलता है। जहां एक तरफ चीन में इसे गरीब माताओं के सम्मान में मनाया जाता है वही थाईलैंड में वहां की रानी सिरिकित के जन्मदिन 12 अगस्त को और जापान में सम्राट ओकेहितो की मां महारानी कोजुन की जन्मदिवस पर। ज्यादातर देशों में इसे मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। भारत, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में मदर्स डे मई के दूसरे रविवार को मनाते हैं, जबकि यूनाइटेड किंगडम, कोस्टा रिका, जॉर्जिया, समोआ में ईस्टर संडे से तीन सप्ताह पहले मदर्स डे मनाया जाता है जो मार्च में आता है।

मई के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है मदर्स डे?

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1912 में एना जार्विस नामक एक अमेरिकी लड़की थी, जिसकी मां एक सामाजिक कार्यकर्ता थी और अपना जीवन महिला अधिकार जैसे मुद्दे के लिए संघर्ष में बिताया। जब मां की मृत्यु हुई तब उसको ऐसा विचार आया कि क्यों न वो अपनी मां को एक दिन समर्पित करे। तब उसने मदर्स डे एसोसियेशन का गठन किया और वेस्ट वर्जीनिया के ग्राफ्टन चर्च में निजी तौर पर मदर्स डे मनाया। 

इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति वूड्रो विल्सन ने इसे आधिकारिक तौर पर मनाने का फैसला लिया और मई के दूसरे रविवार को नेशनल हॉलीडे घोषित किया। इसके बाद से ही ये दिन अलग अलग देशों में भी मनाया जाने लगा।

इतिहास पन्नों में मदर्स डे

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मां के लिए एक खास दिन सेलिब्रेट करने का इतिहास काफी पुराना है। कुछ ऐतिहासिक तथ्यों की माने तो कहा जाता है कि मां को सम्मान देने की परंपरा पुराने ग्रीक से प्रचलित हुई जहां ग्रीक देवताओं की मां स्य्बेले के सम्मान में ये दिन मनाया जाता था। यह दिन त्योहार की तरह मनाने की प्रथा प्रचिलत थी।

मदरिंग संडे उर्फ मदर्स डे

यूरोप और ब्रिटेन में एक रविवार मदरिंग संडे नाम से प्रसिद्ध है, इस दिन मातृत्व के जश्न को मनाया जाता है, उन्हें सम्मानित किया जाता है। यह कैथोलिक कैलेंडर में लेतारे संडे के नाम से है। लेंट के चौथे रविवार को ‘वर्जिन मेरी’ और 'मदर चर्च' के सम्मान में इस दिन को मांओं को समर्पित किया गया था। ये यूनाइटेड किंगडम और कुछ देशों में मनाया जाने लगा और बाद में इस दिन को सभी मांओं को समर्पित किया गया।

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इस प्रकार मदर्स डे मां के सम्मान का दिन है, इस दिन मां के प्रति कृतज्ञता, समर्पण दिखाना हमारा फर्ज है। आखिर मां ही तो है जिसने हमें इस दुनिया से रूबरू करवाया।

 

 

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