महिलाओं के अधिकारो और हितो को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय संविधान में बहुत से कानूनों का प्रावधान है। लेकिन महिलाओं में इन कानूनों से संबधित जानकारी के अभाव के कारण अक्सर वे अपराध का शिकार हो जाती हैं। महिलाओं के प्रति अपराधों की बढ़ती संख्या के खिलाफ लड़ने के लिए यह जरूरी है कि उन्हें अपने कानूनी अधिकारो की जानकारी हो। ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण कानूनी अधिकार आप इस लेख से जान सकते हैं।
1. Maternity Benefits Act (2017)
यह कानून गर्भवस्था के दौरान कामकाजी महिलाओं के हितो की रक्षा करता है। मैटरनिटी बेनिफिट्स एक्ट के तहत गर्भवती कामकाजी महिलाओं को उनकी कंपनी के द्वारा कुछ विशेष सुविधाएं देनी होती हैं। इसमें पेड मैटरनिटी लीव (12 से 26 सप्ताह तक), कार्यस्थल पर क्रेच की सुविधा, वर्क फ्रॉम होम जैसी सुविधाएँ शामिल हैं। इस अधिकार के तहत महिलाएं आसानी से अपने काम और पारिवारिक जीवन में बैलेंस कर सकती हैं।
2. Protection of women from domestic Violence (2005)
यह कानून महिलाओं के प्रति होने वाली घरेलू हिंसा से बचाने के लिए है। इस कानून के तहत एक विवाहित और अविवाहित महिला (जो लिव इन में रह रही हो) आती हैं। इसके अंदर शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक हिंसा आती है। शादीशुदा महिलाओं के साथ-साथ विधवा महिला, बहन और तलाकशुदा महिला भी इस अधिकार के अंतर्गत आती है।
3. Hindu Succession Act (2005)
इस एक्ट के तहत हिंदू महिलाओं को अपने पिता की संपत्ति में बराबर का अधिकार होता है। बेटी की शादी के बाद भी वह अपने पिता की संपत्ति में अपने भाई के समान ही भागीदार होती है। 2005 में हुए अमेंडमेंट्स के तहत महिला का बच्चा भी इस संपत्ति में अधिकार रखता है।
4. Prohibition of Child Marriage Act (2006)
यह कानून हमारे देश में बाल विवाह को गैरकानूनी करार देता है। इसके तहत लड़की की शादी करने की कानूनी उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष तय की गई है। हाल ही में सरकार ने लड़की की शादी की कानूनी उम्र में संशोधन कर इसे 21 वर्ष कर दिया है। अगर कोई इस इन तय आयु से कम में अपने बेटे या बेटी की शादी करता है तो वह दंड के अधीन होता हैं।
5. Street Harassment
इंडियन पीनल कोड स्ट्रीट उत्पीड़न शब्द का प्रयोग नहीं करता है। लेकिन इस एक्ट को समझने के लिए आप यह समझ सकते हैं कि यह एक्ट सार्वजनिक जगाहों पर महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी अपमानजनक टिप्पणी, हरकत, ईव टीजिंग आदि से बचाता है। आईपीसी की धारा 294 और 509 महिलाओं के खिलाफ होने वाले ऐसे अपराध और दंड को परिभाषित करती हैं।
6. Dowry Prohibition Act (1961)
इस एक्ट के तहत शादी में दहेज़ का लेन-देन करना कानूनी अपराध है। इसके तहत कोई भी परिवार दुल्हन के परिवार से किसी प्रकार की राशि या महंगे तोहफो की माँग नही कर सकता है। अगर वह ऐसा करते हैं तो यह दंड के अधीन है।