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कोरोना काल की वजह से लगे लॉकडाउन ने हम सभी को किसी न किसी तरीके से प्रभावित किया ही है अब वो चाहे हमारे घूमने जाने के प्लैंस् हो या साल की शुरुआत मे ठाने गए फैसले हो। पर इस लॉक डाउन से मैंने बहुत कुछ सीखा है जो शायद मै अपनी जिंदगी मे कभी किसी और कारण से सीख ही नही पाती पर लॉकडाउन में सीख। जानिये मैंने लॉकडाउन में सीख कैसे ली
पहली सीख थी खुद का ख्याल रखना। अपने कामों और जिम्मेदारियों में मै इतना उलझ गई कि कभी खुद का खयाल रखने का ख्याल तक मुझे नही आया।
पर लॉकडाउन में मैंने जाना कि ये सेल्फ केयर मेरे लिए कितनी ज़रूरी है।
मैंने अलग अलग तरीको से अपनी त्वचा व शरीर को पोषण दिया और अपने आप को समय दिया। खुद से बातें करना सीखा, खुद की कमियों को सुधार कर खुद को बेहतर बनाने की एक नींव रखी।
दूसरी सीख थी इंटरनेट का इस्तेमाल सही और अच्छे तरीके से करके दुनिया से नाता जोड़ना।
मैंने लॉकडाउन में YouTube, Instagram, payment apps और भी बहुत कुछ चलाना सीखा पर एक नए ढंग से। दुनिया सच मुच बहुत आगे बढ़ चुकी है और इसी के साथ मै भी बढ़ना चाह रही हूँ।
हम सभी जिंदगी की उलझनों मे इतना उलझ जाते है कि हमे पता ही नहीं चलता कि वास्तविकता मे हम बहुत कुछ पाने के चक्कर मे बहुत कुछ खो रहे है।
मैंने तीसरी सीख यही ली कि सिनेमा, TV और मनोरंजन भी मेरे लिए उतना ही जरूरी है जितना कि काम। मैंने काफी नए shows ढूंढे और फिल्मे देखी और खुद को आराम दिया।
जो दिखता नही है वो हो भी न, ये ज़रूरी तो नहीं। जैसे हाथ मे लगी चोट सबको दिख जाती है पर मन मे लगी किसी को नहीं और इसलिए अक्सर जब हम मानसिक तौर से परेशान होते है तो इस बात को हम अनदेखा कर देते है।
लॉकडाउन में घर में बंद रहने पर अक्सर मुझे चिड़, स्ट्रेस और बहुत सी मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा पर मैंने इंटरनेट की मदद से अपनी मानसिक परेशानियों पर अनजान लोगों से बातें की और अच्छा महसूस किया।
पांचवी और सबसे ज़रूरी चीज़ जो मैंने लॉक डाउन में सीखी वो थी खुद की रुचि वाले काम करना।
मुझे पेंटिंग करना, कविताएँ लिखना और स्केच बनाना बहुत अच्छा लगता था पर नौकरी और घर के कामो मे मै इतना उलझ गई कि कभी अपने मनपसंद कामों को करने पर ध्यान ही नही दिया।
लॉकडाउन में मैंने पेंटिंग बनाई और बहुत सारी कविताएँ लिखी और अपने दोस्तों को दिखाया व सुनाया।
ये थी वो 5 सीख जो मैंने लॉकडाउन में सीखी। ये सब शायद मै बिना किसी लॉक डाउन के कभी नही कर पाती। आखिर मे लॉकडॉन ने मुझे मेरी जिंदगी को जीने का नया आयाम दे दिया। लॉकडाउन में सीख
1. खुद की देखभाल:
पहली सीख थी खुद का ख्याल रखना। अपने कामों और जिम्मेदारियों में मै इतना उलझ गई कि कभी खुद का खयाल रखने का ख्याल तक मुझे नही आया।
पर लॉकडाउन में मैंने जाना कि ये सेल्फ केयर मेरे लिए कितनी ज़रूरी है।
मैंने अलग अलग तरीको से अपनी त्वचा व शरीर को पोषण दिया और अपने आप को समय दिया। खुद से बातें करना सीखा, खुद की कमियों को सुधार कर खुद को बेहतर बनाने की एक नींव रखी।
2. इंटरनेट से दोस्ती:
दूसरी सीख थी इंटरनेट का इस्तेमाल सही और अच्छे तरीके से करके दुनिया से नाता जोड़ना।
मैंने लॉकडाउन में YouTube, Instagram, payment apps और भी बहुत कुछ चलाना सीखा पर एक नए ढंग से। दुनिया सच मुच बहुत आगे बढ़ चुकी है और इसी के साथ मै भी बढ़ना चाह रही हूँ।
3. मन और मनोरंजन:
हम सभी जिंदगी की उलझनों मे इतना उलझ जाते है कि हमे पता ही नहीं चलता कि वास्तविकता मे हम बहुत कुछ पाने के चक्कर मे बहुत कुछ खो रहे है।
मैंने तीसरी सीख यही ली कि सिनेमा, TV और मनोरंजन भी मेरे लिए उतना ही जरूरी है जितना कि काम। मैंने काफी नए shows ढूंढे और फिल्मे देखी और खुद को आराम दिया।
4. मानसिक स्वास्थ्य:
जो दिखता नही है वो हो भी न, ये ज़रूरी तो नहीं। जैसे हाथ मे लगी चोट सबको दिख जाती है पर मन मे लगी किसी को नहीं और इसलिए अक्सर जब हम मानसिक तौर से परेशान होते है तो इस बात को हम अनदेखा कर देते है।
लॉकडाउन में घर में बंद रहने पर अक्सर मुझे चिड़, स्ट्रेस और बहुत सी मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ा पर मैंने इंटरनेट की मदद से अपनी मानसिक परेशानियों पर अनजान लोगों से बातें की और अच्छा महसूस किया।
5. मेरी रूचि का ध्यान:
पांचवी और सबसे ज़रूरी चीज़ जो मैंने लॉक डाउन में सीखी वो थी खुद की रुचि वाले काम करना।
मुझे पेंटिंग करना, कविताएँ लिखना और स्केच बनाना बहुत अच्छा लगता था पर नौकरी और घर के कामो मे मै इतना उलझ गई कि कभी अपने मनपसंद कामों को करने पर ध्यान ही नही दिया।
लॉकडाउन में मैंने पेंटिंग बनाई और बहुत सारी कविताएँ लिखी और अपने दोस्तों को दिखाया व सुनाया।
ये थी वो 5 सीख जो मैंने लॉकडाउन में सीखी। ये सब शायद मै बिना किसी लॉक डाउन के कभी नही कर पाती। आखिर मे लॉकडॉन ने मुझे मेरी जिंदगी को जीने का नया आयाम दे दिया। लॉकडाउन में सीख