Makar Sankranti 2023: हर वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाने वाला त्योहार मकर संक्रांति, यह पूरे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सूर्य नारायण की पूजा अर्चना की जाती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं जिस वजह से इस त्यौहार को मकर संक्रांति कहा जाता है।
Makar Sankranti kab hai 2023 : पूरे भारत में अलग अलग नाम से जाना जाता है
पूरे भारतवर्ष में मकर संक्रांति को विभिन्न नामों से जाना जाता है। पंजाब क्षेत्र में इसे लोहड़ी (lohri) के नाम से जाना जाता है। तो वहीं कहीं पोंगल (Pongal) खिचड़ी इत्यादि नामों से जाना जाता है। सूर्य नारायण इस दिन उत्तर दिशा में दर्शन देते हैं। जिस वजह से इस त्योहार को कई इस्थनो में उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है।
Makar Sankranti 2023: कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति
परंतु इस साल वर्ष 2023 में थोड़ा सा बदलाव देखने को मिल रहा है। दरअसल इस वर्ष सूर्य शनिवार 14 जनवरी के दिन शाम को मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। जिस वजह से विद्वानों के अनुसार 15 जनवरी को सूर्य उदय के समय मकर राशि में सूर्य उपस्थित रहेंगे। इसलिए 15 जनवरी को मकर संक्रांति पूर्णता मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय के समय जो भी तिथि उपस्थित होती है उस दिन उसी तिथि का मान होता है। इसी प्रकार सूर्य मकर राशि में 15 जनवरी की सुबह प्रस्तुत होंगे इसलिए यह दिन अधिक शुभ माना जा रहा है।
Makar Sankranti 2023: शुभ मुहूर्त कौन सा होगा
आप भी 15 जनवरी को ही मकर संक्रांति के त्योहार को मनाएंगे। तो इस दिन सुबह से 12:30 बजे तक का मुहूर्त काफी शुभ बताया जा रहा है। इस दिन सर्वोच्च शुभ मुहूर्त का योग 7:30 बजे से 9:15 तक का होगा
Makar Sankranti 2023: क्या होगी पूजा की विधी (pooja vidhi)
मकर संक्रांति का दिन मूलता सूर्यनारायण को ही अर्पित होता है। इस दिन सूर्य देव की ही पूजा की जाती है। आप यदि सूर्य नारायण की विशेष कृपा अपने ऊपर चाहते हैं। तो इस दिन आपको तांबे के लोटे में जल उसमें सिंदूर और तिल मिलाकर सूर्यनारायण को अर्पित करना चाहिए। साथ में आप उन्हें दीपदान भी करें। अर्थात दीप से उनकी आरती करें और लाल रंग के पुष्प को अर्पित करें।
Makar Sankranti 2023: तिल का होता है खास महत्व
इस दिन तिल का काफी खास महत्व बताया जाता है। जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब स्वयं शनी भी तिल के द्वारा सूर्य की सेवा करते हैं। यही कारण है कि इस दिन तिल से स्नान करना चाहिए और विष्णु भगवान को भी तिल से स्नान कराना चाहिए। ऐसा करने से आपके पूर्व जन्मों के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन लोग तिल के लड्डू का सेवन भी करते हैं।