Advertisment

मैरिटल रेप: क्यों मेरे शरीर पर मेरा हक़ नहीं?

author-image
Swati Bundela
New Update
हम जिस समाज में रहते है उसमें रेप का मतलब हर किसी को पता है। किसी भी लड़का/लड़की के साथ उनकी परमिशन के बिना ज़बरदस्ती फिजिकल रिलेशन बनाना रेप कहलाता है। यह कानूनन जुर्म है , इसके लिए भारत में रेपिस्ट को  Indian Penal Code के तहत सजा दी जाती है। शादी के बाद अगर पति अपनी पत्नी की मर्जी के बिना उसके साथ जबरदस्ती फिजिकल रिलेशन बनाता है तो उसे मैरिटल रेप कहते है। लेकिन भारत में इसे कानून की नज़र में क्राइम नहीं माना जाता।

Advertisment


केंद्रीय सरकार ने मैरिटल रेप को क्राइम मानने से इंकार कर दिया है , उनका कहना ये है कि "ये मैरिज इंस्टीटूशन के लिए खतरा है , पतियों को सताने के लिए ये एक आसान तरीका हो सकता है।"

IPC के अकॉर्डिंग रेप

Advertisment


IPC (इंडियन पीनल कोड) के सेक्शन 375 के हिसाब से अगर कोई लड़का किसी लड़की के साथ इन 5 सिचुएशन में फिजिकली इन्वॉल्व होता है तो उसे रेप माना जायेगा :



  • लड़की की मर्ज़ी के खिलाफ।


  • लड़की की मर्जी से, लेकिन उसकी ये रज़ामंदी मौत या नुक़सान पहुंचाने जैसी धमकी दे कर ली गयी हो।


  • लड़की की रजामंदी से, लेकिन महिला ने यह सहमति उस व्यक्ति की ब्याहता(शादीशुदा) होने के भ्रम में दी हो।


  • लड़की की मर्ज़ी से, लेकिन महिला उस समय होश में न हो (महिला का मानसिक संतुलन ख़राब हो या नशे में हो)


  • लड़की की उम्र अगर 16 से कम है तो उसकी मर्ज़ी से किया गया सेक्स भी रेप माना जायेगा।


  • एक्सेप्शन :अगर पत्नी की उम्र 15 साल से कम है तो पति का उसके साथ सेक्स करना बलात्कार नहीं है।


Advertisment


IPC के अकॉर्डिंग मैरिटल रेप



IPC रेप की डेफिनेशन तो बताता है लेकिन उसमे मैरिटल रेप का कोई ज़िक्र नहीं है। सेक्शन 376 में रेप के लिए सजा का प्रावधान है। इस धारा में पत्नी से रेप करने वाले पति के लिए सजा का प्रावधान है , लेकिन ये सजा जब लागू होगी अगर पत्नी 12 साल से कम की हो।
Advertisment




इसमें कहा गया है कि 12 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ पति अगर बलात्कार करता है तो उस पर जुर्माना या उसे दो साल तक की क़ैद या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।

Advertisment


सेक्शन 375 और 376 से ये समझा जा सकता है की महिला की सेक्स के लिए रज़ामंदी देने की उम्र 16 साल है ,लेकिन 12 साल से ज्यादा उम्र की पत्नी का कंसेंट मैटर नहीं करता।

हिंदू मैरिज एक्ट

Advertisment


हिंदू मैरिज एक्ट के अकॉर्डिंग पति और पत्नी एक दूसरे के प्रति कुछ जिम्मेदारियां तय करते है, इनमें सैक्स का अधिकार भी शामिल है। क़ानूनन ये माना गया है कि सेक्स के लिए इनकार करना Cruelty है और इस बेसिस पर तलाक मांगा जा सकता है।

घरेलू हिंसा क़ानून

Advertisment


घर की चारदीवारी में महिलाओं से सेक्सुअल एब्यूज के लिए 2005 में घरेलू हिंसा क़ानून लाया गया था। ये क़ानून महिलाओं को घर में होने वाले सेक्सुअल एब्यूज से बचाने के लिए है।



तो ये है हमारे इंडियन लॉज़। ये मैरिटल रेप को क्राइम कंसीडर ही नहीं करते तो इस पर सजा कैसे मिलेगी। किसी भी औरत को उसकी मर्ज़ी के बगैर छूना गलत है चाहे वो उसका पति ही क्यों न हो। हर इंसान को अपने जिस्म पर हक़ है। हमारे constitution ने हमे कुछ बेसिक राइट्स दिए है। Right to Life, Right to Liberty सबके पास है। हमे "CONSENT" (रज़ामंदी) शब्द को समझना चाहिए ,चाहे वो लड़का हो या लड़की एक दूसरे की मर्ज़ी की रेस्पेक्ट करनी चाहिए।



भारतीय कानून को बदलने की सख्त ज़रूरत है , कबतक हमारा समाज औरतो को उनकी पर्सनल फ्रीडम नहीं देगा। रेप तो रेप होता है चाहे रेपिस्ट पति हो या कोई अंजान। हमे इस सोसाइटी से पूछना होगा "क्यों मेरे शरीर पर मेरा हक़ नहीं।"

पढ़िए : इन कारणों से एक शादीशुदा महिला तलाक ले सकती है

#फेमिनिज्म Marital rape in Hindi मैरिटल रेप
Advertisment