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Menopause and Sex Drive : मेनोपॉज का सेक्स लाइफ पर असर

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Swati Bundela
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अक्सर कई लोग मेनोपॉज के उपरान्त भी सेक्सुअली एक्टिव रहना चाहते हैं जिसमें कोई गलत बात नहीं है। पर मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ एक्टिविटीज पहले की तरह फुर्तीली और एक्टिव नहीं होती है। तो आइए जानते हैं मेनोपॉज का सेक्स लाइफ पर क्या असर पड़ता है  ?

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मेनोपॉज का सेक्स लाइफ पर असर



1. हॉर्मोनल बदलाव

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मेनोपॉज के बाद शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं जैसे



  • शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा गिरना


  • एस्ट्रोजन की कमी से वेजाइना में ड्राइनेस आ जाती है। इसका कारण होता है मेनोपॉज के बाद शरीर में एस्ट्रोजन लेवल कम होने लगता है जिससे वजाइना में ब्लड की सप्लाई भी कम होने लगती है। और इसके कारण ड्राइनेस होने लगती है।


  • एस्ट्रोजन की कमी से वेजाइना वॉल पतली होने लगती है जो कि वजाइनल अट्रॉफी नाम की समस्या को खड़ा कर सकता है।


  • सेक्स के समय वेजाइनल ड्राइनेस और वजाइना की वॉल का पतला होना आरामदायक नहीं होता।


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2. शारीरिक बदलाव



मेनोपॉज के बाद शरीर में हार्मोनल बदलाव के साथ-साथ शारीरिक बदलाव भी आते हैं
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  • वज़न का बढ़ना - वजन बढ़ने के कारण अक्सर सेक्स ड्राइव में बदलाव आता है।


  • हॉट फ्लेशेस - हॉट फ्लैशेस के दौरान आपका शरीर तपने लगता है और यह आपको परेशान कर देता है।


  • सेक्स डिजायर में कमी - सेक्स डिजायर में बहुत ही ज्यादा कमी आना शुरू हो जाती है क्योंकि आपका मूड अच्छा नहीं रह पाता है।




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3. मानसिक तनाव



मेनोपॉज के बाद ना सिर्फ आपके शरीर में बदलाव आता है बल्कि बहुत सारी चीजों के कारण आप मानसिक तनाव में भी जा सकते हैं। मानसिक तनाव होने के कारण सेक्स ड्राइव धीरे-धीरे कम होने लगती है।

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मेनोपॉज के बाद भी सेक्स लाइफ एक्टिव रखने के लिए टिप्स



1. व्यायाम करें

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2. Kegel एक्सरसाइज पर ध्यान दें



3. लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करें



4. थेरेपी लें



मेनोपॉज के बाद सेक्स लाइफ में काफी बदलाव आता है लेकिन आप फिर भी अपनी सेक्स लाइफ को एक्टिव रखने के लिए डॉक्टर से अपने शरीर के हिसाब से सलाह ले सकते हैं।
सेहत
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