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एक गर्भवती हथिनी को पटाखों से भरा पाइन एप्पल खिलाया गया जिससे उसकी और उसके अन बोर्न (unborn) बच्चे की मृत्यु हो गयी। ये मामला तब सामने आया जब एक फारेस्ट ऑफिशियल ने फेसबुक पर एक पब्लिक अपोलॉजी पोस्ट "सॉरी सिस्टर" डाली।
दरिंदगी की सज़ा मांग रहा देश
ये दरिंदगी तो है ही साथ साथ 1972 के वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के अन्तर्गत गैरकानूनी भी है। अपने साथी जीवित प्राणियों के लिए ऐसी असंवेदनशीलता ने देश में तो गुस्सा पैदा किया ही बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का भी ध्यान खींचा।
कार्टून्स और कविताएं लिख कर सोशल मीडिया यूज़र्स इस कृत्य की निंदा कर रहे हैं।अनुष्का शर्मा, आलिया भट्ट, श्रद्धा कपूर जैसे सेलेब्रिटीज़ ने भी अपना दुख जताया है।
रखा अपराधियों पर इनाम
ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल-इंडिया एनिमल क्रुएल्टी के खिलाफ मुहिम चलाती है। इस एन जी ओ ने अपराधी के ऊपर कैश रिवॉर्ड रखा है और जो भी उसकी जानकारी देगा उसे ये प्राइज़ दिया जाएगा।
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस (SOS) ने भी अपराधी की जानकारी देने वाले के लिए ₹1 लाख का इनाम रखा है।
बदला लेना हल?
इन जानवरों के प्रति असंवेदनशीलता का बदला लेना क्या इसका हल हो सकता है। हमारे पास कड़े कानून क्यों नही है जो किसानों के प्रति भी कार्यरत हो और साथ में जानवरों की भी पूरी देखभाल करें बिना उनको प्रभावित किये हुए।
मानव वन्यजीव का संघर्ष
मानव वन्यजीव के बीच का संघर्ष अब इस कदर बड़ा बन गया है कि मासूम जानवरों की हत्या कर दी जारही है।
इस खाने और रहने की वजह से वन्यजीव-मानव का संघर्ष अब एक रण बन चुका है जिसमें दोनों बचना चाहते हैं।
बचने के लिए क्या ज़रूरी
लोगों में संवेदनशीलता बढ़ानी होगी ताकि उन्हें पता चले कि जानवर और इंसान एक दूसरे पर निर्भर होते हैं और अगर इनमें से एक भी नहीं बचा तो फ़ूड चेन डिस्टर्ब हो जाएगी।
बढ़ती जनसंख्या के कारण जंगल कम होते जारहे हैं क्योंकि हमें रहने के लिए जगह चाहिए पर इसका मतलब ये नहीं कि जानवर हमारे लिए अपनी ज़िंदगी खतरे में डाल लें।
दुखी कर देने वाली घटना
ये देखना कितना दुखदायी है कि इंसान किस हद तक गिर चुका हैं। क्या जानवरों को प्यार और ध्यान की ज़रूरत नहीं है? वो भी तो जहां हम रह रहे हैं उसका एक हिस्सा है।
जल्द अपराधियों को सज़ा देने का वादा
मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने अपराधियों को जल्द सज़ा देने का वादा किया है और प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्र सरकार द्वारा एक्शन लिए जाने की बात भी की है।
और पढ़िए- क्यों आपको पेट रखने के बारें में सोचना चाहिए
दरिंदगी की सज़ा मांग रहा देश
ये दरिंदगी तो है ही साथ साथ 1972 के वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के अन्तर्गत गैरकानूनी भी है। अपने साथी जीवित प्राणियों के लिए ऐसी असंवेदनशीलता ने देश में तो गुस्सा पैदा किया ही बल्कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया का भी ध्यान खींचा।
कार्टून्स और कविताएं लिख कर सोशल मीडिया यूज़र्स इस कृत्य की निंदा कर रहे हैं।अनुष्का शर्मा, आलिया भट्ट, श्रद्धा कपूर जैसे सेलेब्रिटीज़ ने भी अपना दुख जताया है।
रखा अपराधियों पर इनाम
ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल-इंडिया एनिमल क्रुएल्टी के खिलाफ मुहिम चलाती है। इस एन जी ओ ने अपराधी के ऊपर कैश रिवॉर्ड रखा है और जो भी उसकी जानकारी देगा उसे ये प्राइज़ दिया जाएगा।
वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस (SOS) ने भी अपराधी की जानकारी देने वाले के लिए ₹1 लाख का इनाम रखा है।
बदला लेना हल?
इन जानवरों के प्रति असंवेदनशीलता का बदला लेना क्या इसका हल हो सकता है। हमारे पास कड़े कानून क्यों नही है जो किसानों के प्रति भी कार्यरत हो और साथ में जानवरों की भी पूरी देखभाल करें बिना उनको प्रभावित किये हुए।
मानव वन्यजीव का संघर्ष
मानव वन्यजीव के बीच का संघर्ष अब इस कदर बड़ा बन गया है कि मासूम जानवरों की हत्या कर दी जारही है।
जानवरों की इतने बुरे तरीके से हत्या कोई नई बात नहीं है। ये प्रथा सदियों से चली आ रही है पर अभी इसलिए चल रही है क्योंकि जनसंख्या बढ़ने और विकास होने की वजह से वाइल्डलाइफ को रहने और खाने के लिए तड़पना पड़ रहा है।
इस खाने और रहने की वजह से वन्यजीव-मानव का संघर्ष अब एक रण बन चुका है जिसमें दोनों बचना चाहते हैं।
बचने के लिए क्या ज़रूरी
इसलिए कड़े नियम कानून बनने चाहिए जिससे दोनों मानव और वन्य जीव बचे रहें और किसी को नुकसान ना हो। जानवरों की उस हद तक निगरानी करनी चाहिए जिस हद तक उन्हें किसी प्रकार की हानि ना हो।
लोगों में संवेदनशीलता बढ़ानी होगी ताकि उन्हें पता चले कि जानवर और इंसान एक दूसरे पर निर्भर होते हैं और अगर इनमें से एक भी नहीं बचा तो फ़ूड चेन डिस्टर्ब हो जाएगी।
बढ़ती जनसंख्या के कारण जंगल कम होते जारहे हैं क्योंकि हमें रहने के लिए जगह चाहिए पर इसका मतलब ये नहीं कि जानवर हमारे लिए अपनी ज़िंदगी खतरे में डाल लें।
दुखी कर देने वाली घटना
ये देखना कितना दुखदायी है कि इंसान किस हद तक गिर चुका हैं। क्या जानवरों को प्यार और ध्यान की ज़रूरत नहीं है? वो भी तो जहां हम रह रहे हैं उसका एक हिस्सा है।
जल्द अपराधियों को सज़ा देने का वादा
मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने अपराधियों को जल्द सज़ा देने का वादा किया है और प्रकाश जावड़ेकर ने केंद्र सरकार द्वारा एक्शन लिए जाने की बात भी की है।
और पढ़िए- क्यों आपको पेट रखने के बारें में सोचना चाहिए