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मिथ: सुहागरात पर सेक्स करना ज़रूरी है

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Swati Bundela
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1. कंसेंट की परेशानी


समाज के लोगों के अनुसार हमेशा सुहागरात पर सेक्स करना जरूरी है पर क्या सेक्स में शामिल होने वाले लड़का और लड़की दोनों इस चीज से सहमत हैं या नहीं इसके बारे में कोई नहीं पूछता। अक्सर सेक्स करने के लिए लड़कियों से उनका कंसेंट यानी कि उनकी मर्जी नहीं पूछी जाती जो कि मैरिटल रेप की श्रेणी में आता है पर दुःख की बात है कि देश में अभी तक  मैरिटल रेप पर कोई कानून नहीं है।
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2. शादी सेक्स का लाइसेंस नहीं


हमारे समाज में लड़कियों को शादी के बाद ही सेक्स करने की अनुमति होती है जिस पर वह बात भी नहीं कर सकती हैं। पति जब चाहे सेक्स की फरियाद कर सकता है और अपनी पत्नी पर सेक्स करने का प्रेशर बना सकता है। पर मेरे यह नहीं समझ आता कि शादी दो लोगों के बीच का बंधन है ना कि सेक्स का लाइसेंस है तो फिर यह प्रेशर कैसा ?
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3. लड़की की पवित्रता का सूचक


सेक्स से जुड़ा यह कैसा मिथ है कि अगर लड़की पहली बार सेक्स करेगी तो उसकी चादर पर खून का धब्बा जरूर मिलेगा। सुहागरात पर सेक्स करने की सबसे बड़ी वजह यही मानी जाती है कि उस दिन लड़की की पवित्रता यानी की
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वर्जिनिटी को चेक किया जाता है। अगर लड़की ने ब्लीड किया तो पवित्र वरना अपवित्र। कोई तर्क है इस बात में?

4. अनप्रोटेक्टेड सेक्स

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पहला दिन होने के कारण लोग मुख्यतः कांट्रेसेप्शन लेना भूल जाते हैं या यह जरूरी नहीं समझते हैं जिस कारण उनका पहला सेक्स एक अनप्रोटेक्टेड सेक्स में बदल सकता है। अनप्रोटेक्टेड सेक्स के कारण काफी सारी बीमारियां हो सकती हैं जैसे HIV और STIs और साथ ही अनवांटेड प्रेगनेंसी का भी खतरा बन सकता है। तो इंसान जरूरी है या फिर बेमतलब की रीति रिवाज?

सुहागरात के दिन सेक्स करने जैसे ना जाने कितने ही और रूढ़ीवादी विचार आज भी हमारे समाज में मौजूद हैं। हमें ही इन सब का ध्यान रखना है और इन्हें खुद से दूर भी।
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