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ऐसे 10 मौकें जब नवीन पटनाइक ने महिला शक्तिकरण को बढ़ावा दिया
1-आज के समय में औडिशा महिलाओं के लिए काफी प्रोगेसिव राज्य माना जाता है। वहां करीब हर सेक्टर में महिलाएं अपना अहम रोल निभाती है। इन सब का क्रेडिट केवल नवीन पटनायक को जाता है। पटनायक के राज में महिलाओं को पंचाएती राज में 50 प्रतिशत रिज़र्वशन देने वाला सबसे पहला राज्य ओडिशा बना। इसपर पटनायक ने कहा था कि "शुरूआत में काफी लोगों ने इसे यह कहकर नकारा कि महिलाओं के नाम पर उनके पति और पिता अपनी मनमानी चलाएंगें, लेकिन आज 60000 से ज्यादा महिलाएं वार्ड मेंबर, सरपंच, ज़िला परिषद और प्रेसिडेंट के रोल में अपना काम बखूबी से निभा रही हैं।"
2- इसी साल इंटरनेशनल वुमेन डे पर नवीन पटनाइक द्वारा मिशन शक्ति (महिलाओं के लिए तैयार किया गया सेल्फ हेल्प डिपार्टमेंट) लॉच किया गया। इसी के साथ ओडिशा ऐसा डिपार्टमेंट बनाने वाला सबसे पहला राज्य बना। इस स्कीम के अंतर्गत 7 मिलियन महिलाओं का 6 लाख सेल्फ-हेल्प ग्रुप है। ये ग्रुप महिलाओं को रोज़गार देने के नए अवसर तैयार करते है और इंटरेस्ट फ्री लोन भी प्रदान करते है। पटनायक ने कहा था कि चाहे महिलाओं को फाइनेंशियली इंडिपेंडेंट बनाना हो या उनका रिप्रज़ेंटेशन पार्लियामेंट में सुधारना हो, महिलाओं को एम्पॉवर करना काफी ज़रूरी है। उन्होनें कहा कि हम महिलाओं के लीडरशिप को हर फील्ड में बढ़ावा देंगे और आगें बढ़ने के ऩए अवसर भी प्रदान करेंगे।
3- ओडिशा Indian Chamber of Commerce's (ICC) women chamber बनाने वाला पहला राज्य बना। इसका नाम ICC women Entrepreneurs है जो राज्य में इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट को मज़बूत करने के लिए काम करेगा। 2020 के अंत तक इस कमेटी में 100 women entrepreneurs को जोड़ने की तैयारी है।
4. पटनायक ने ममता स्कीम की भी शुरूआत की। यह गांव की गर्भवती महिलाओं के बेहतरी के लिए था। इसके अंतर्गत करीब 6 लाख प्रेगनेंट महिलाओं को 5000 रूपये दिए गए ताकि वो अपना मेडिकल जांच अच्छे से करा पाएं।
5-ओडिशा सरकार ने Startup Odisha initiative के तहत काफी महिलाओं को अपना बिज़नेस शुरू करने के लिए प्रेरित किया। इसका मकसद ओडिशा को टॉप 3 स्टार्टअप डेस्टिनेशन में से एक बनाना है।
6. नयूज़ीलेंड की प्राइम मिनिस्टर Jacinda Ardern और ज़र्मन की चांसलर Angela Merkel का उदाहरण देते हुए कहा कि जो देश कोई फैसला लेने में महिलाओं को जगह नही प्रदान करता या उनकी रायों को उचित नही समझता वो अधूरा होकर कार्य करता है। उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत अमेरिका और चीन को टक्कर देना चाहता है तो उसे राजनीति में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा ताकत देने की ज़रूरत है।
7. महिलाओं को ज्यादा पॉवर देने की वकालत करने वाले पटनायक का मानना है कि राजनीति में महिलाओं को प्राथमिकता देने से हमारे सोसायटी में काफी अच्छा मैसेज जाएगा। हमारे समाज में आज भी महिलाओं को फैसला लेने के प्रोसेस से बाहर रखा जाता है जो कि काफी गलत है।
8 पटनाइक का मानना है कि महिलाओं का राज़नीति में रिप्रज़ेंटेशन बढ़ने से हमारे समाज़ की काफी समस्याओं का हल हो जाएगा। रेप, सेक्शुअल हेरासमेंट और दहेज़ से जुड़े कानून भी काफी अच्छे तरीके से लागू हो पाएंगें।
9. नेशनल पॉलिटीकल पार्टीज़ की असफलताओं के बारे में बात करते हुए पटनायक कहते हैं कि दोनो पार्टी अपने मेनिफेस्टो में महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन जब बात काम करने की आती है तब कुछ नहीं होता।
10. नवीन पटनायक कहते हैं कि आज़ादी के बाद से ही हम महिला सशक्तिकरण की बात कर रहे हैं लेकिन आज भी कोई खास बदलाव नहीं आया है इसलिए ज़रूरी है कि महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए काम किया जाए और उन्हें राजनीति का अहम हिस्सा माना जाए।
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