Shardiya Navratri 2022: हिंदुओं के शुभ त्योहारों में से एक के रूप में, नवरात्रि को अत्यंत श्रद्धा के साथ मनाया जाता है और यह प्राचीन काल के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है। यह भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में लगातार नौ दिनों और रातों में व्यापक रूप से मनाया जाता है। हालाँकि, नवरात्रि पूरे भारत में अलग-अलग महत्व रखती है और चंद्र कैलेंडर का अनुसरण करती है, यही वजह है कि इसे मार्च - अप्रैल में चैत्र नवरात्रि और सितंबर - अक्टूबर में शरद नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
Navratri 2022: नवरात्रि में जौ क्यों बोई जाती है
नवरात्रि में जौ बोने की परंपरा सनातन धर्म में सदियों से चली आ रही है। नवरात्रि के प्रथम दिन मिट्टी के बर्तन में जौ बोए जाते हैं। धर्मग्रन्थों के अनुसार सृष्टि की रचना के बाद जो ही सबसे पहली फसल थी इसलिए देवी - देवताओं की पूजा व हवन में जौ चढ़ाई जाती है। वसंत ऋतु की पहली फसल जौ ही होती है, जिसे हम देवी को अर्पित करते हैं। नवरात्रि में जो जौ उगाई जाती है, वह भविष्य में आने वाले संकेतों को दर्शाती है।
कहते हैं कि नवरात्र में बोई गई जौ यदि 2 से 3 दिन में ही अंकुरित हो जाए तो यह शुभ संकेत होता है। जौ जितनी हरी - भरी होगी। दुर्गा मां की कृपा से घर में उतनी ही सुख - समृद्धि आती है।
Navratri 2022: नवरात्रि में कलश स्थापना कैसे करें
नवरात्रि के पहले दिन, घरों में कलश स्थापना की जाती है, जो ब्रह्मांड का प्रतीक है और इसे घर की शुद्धि और खुश हाली के लिए एक पवित्र स्थान पर रखा जाता है। कलश स्थापना से पूर्व, नहा - धोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें फिर माँ दुर्गा की आराधना करते हुए नवरात्रि कलश की स्थापना करें और धूप - दीप जलाकर माँ दुर्गा की पूजा - अर्चना करें। कलश स्थापना के साथ ही उसके चारों ओर थोड़ी मिट्टी फैलाएं और इस मिट्टी के अंदर जौ बो दें। कलश के ऊपर पान के पत्ते और नारियल चढ़ाएं और स्वास्तिक बनाएं। माता के आगे अखंड दीप जलाएं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। उसके बाद माता की आरती करें और शुद्ध घी से निर्मित किसी भी नैवेद्य का भोग लगाएं ।
Navratri 2022: कब से शुरू हो रही है शरद नवरात्रि
इस साल, शरद नवरात्रि 26 सितंबर 2022 से शुरू हो रही है और विजयादशमी 5 अक्टूबर 2022 को पड़ रही है।
शारदीय नवरात्रि 2022 कलश शुभ मुहूर्त
26 सितम्बर 2022- सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 51 मिनट तक 1 घंटे 40 मिनट