Misogynistic Comments: कहीं आप भी तो लड़कियों को यह अभद्र कमेंट नहीं करते?
हमारे समाज में बहुत सी बातें ऐसे ही बोल दी जाती हैं लेकिन इनका मतलब बहुत गहरा निकलता है। यह बातें किसी के जेंडर, चरित्र, काम और सेक्शूऐलिटी पर सवाल उठाती हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही बेबुनियादी कमेंट्स के बारे में इस ब्लॉग के माध्यम से
Misogynistic Comments: हम इस बात से बिल्कुल परिचित हैं कि हमारा पुरुष प्रधान समाज लड़कियों के कैरेक्टर पर अक्सर उंगली उठाता है। उनके कपड़े, उनके रहने का तरीका, चलना, उनका बैठना, आदि जैसी चीजों को देखकर उनके कैरेक्टर को जज करना तो जैसे आम बात बन गई है। लेकिन यह स्थिति भयावह तो तब हो जाती है जब एक औरत ही औरत के खिलाफ हो जाती है। महिलाएं भी दूसरी महिलाओं के कैरेक्टर को जज कर देती हैं।
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महिलाओं को निम्नलिखित कमेंट्स करने पड़ते हैं फेस
1.देखो तैयार कैसे हुई है? यही तो तरीके हैं इनके अटेंशन पाने के
जब कोई महिला खुद को खुश रखने के लिए अपनी मर्जी के छोटे या अलग तरह के कपड़े पहनती है। और अच्छे से बाल और मेकअप करके निकलती है तो दूसरी महिलाएं जो उस तरह नहीं रहती उसे गलत कैरेक्टर की लड़की कहती है। जबकि यह उनका अधिकार है कि वह अपनी मर्जी से रहे।
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2.बॉस के साथ सोने से प्रमोशन आसान हो जाता है
हाल ही में देखा जा सकता है कि misogyny कमैंट्स महिलाओं और लड़कियों को काफी ज्यादा फेस करने पड़ रहे हैं। ऑफिस में वर्किंग विमेन को जब प्रमोशन मिलता है तो लोग अलग-अलग तरह की बातें बनाते हैं। जैसे कि बॉस के साथ सोने से प्रमोशन तो आसान हो ही जाता है ना। वे यह बात बहुत आसानी से कह देते हैं। उसकी मेहनत को जज करने की बजाय उसके कैरेक्टर पर सवाल उठाने लगते हैं।
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3.कभी हंसते हुए नहीं देखा, एटीट्यूड बहुत है उसमें
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अक्सर जब कोई किसी लड़की को ज्यादा मुस्कुराते हुए नहीं देखता तो वह आसानी से कह देता है कि उसमें बहुत एटीट्यूड है। लेकिन ऐसा भी तो हो सकता है कि शायद उसका स्वभाव ही ऐसा हो। लेकिन लोगों को तो बस मौका चाहिए बातें बनाने का।
4.इतने मेल फ्रैंड्स की क्या ज़रूरत है?
हमारे समाज में आज भी जब किसी लड़के और लड़की को एक साथ देख लिया जाता है तो उसे गलत नजरों से ही जज करते हैं। लड़के और लड़की के बीच में दोस्ती का रिश्ता तो जैसे लोगों को समझ ही नहीं आता। किसी लड़की के male friends होने पर लोग सवाल उठाने लगते हैं कि यह सही नहीं है।
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5.रात को बाहर जाओगी तो ऐसा ही होगा
लोग अपने लड़कों को घर में रखने की वजह अपनी लड़कियों से कहते हैं कि तुम बाहर मत निकलो। अगर रात को घर से बाहर निकलने पर किसी लड़की का रेप हो जाता है तो सवाल लड़के से नहीं बल्कि उसी लड़की से पूछा जाता है। कि तुम बाहर क्यों निकले इतनी रात को? तुम्हें नहीं पता कि रात को बाहर जाने से ऐसा ही होता है।
क्या कर सकता है समाज?
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हमें किसी और को रोकने या समझाने से पहले महिलाओं की सोच को बदलना होगा। उन्हें रोकना होगा और समझाना होगा कि एक महिला अपनी आजादी से सब कुछ कर सकती है। ऐसा करने पर उसे जज करना महिलाओं को पीछे खींचने के बराबर है। हमें एक दूसरे का सपोर्ट बनना चाहिए ना की रुकावट।
Misogynistic Comments: कहीं आप भी तो लड़कियों को यह अभद्र कमेंट नहीं करते?
हमारे समाज में बहुत सी बातें ऐसे ही बोल दी जाती हैं लेकिन इनका मतलब बहुत गहरा निकलता है। यह बातें किसी के जेंडर, चरित्र, काम और सेक्शूऐलिटी पर सवाल उठाती हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही बेबुनियादी कमेंट्स के बारे में इस ब्लॉग के माध्यम से
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Misogynistic Comments: हम इस बात से बिल्कुल परिचित हैं कि हमारा पुरुष प्रधान समाज लड़कियों के कैरेक्टर पर अक्सर उंगली उठाता है। उनके कपड़े, उनके रहने का तरीका, चलना, उनका बैठना, आदि जैसी चीजों को देखकर उनके कैरेक्टर को जज करना तो जैसे आम बात बन गई है। लेकिन यह स्थिति भयावह तो तब हो जाती है जब एक औरत ही औरत के खिलाफ हो जाती है। महिलाएं भी दूसरी महिलाओं के कैरेक्टर को जज कर देती हैं।
महिलाओं को निम्नलिखित कमेंट्स करने पड़ते हैं फेस
1.देखो तैयार कैसे हुई है? यही तो तरीके हैं इनके अटेंशन पाने के
जब कोई महिला खुद को खुश रखने के लिए अपनी मर्जी के छोटे या अलग तरह के कपड़े पहनती है। और अच्छे से बाल और मेकअप करके निकलती है तो दूसरी महिलाएं जो उस तरह नहीं रहती उसे गलत कैरेक्टर की लड़की कहती है। जबकि यह उनका अधिकार है कि वह अपनी मर्जी से रहे।
2.बॉस के साथ सोने से प्रमोशन आसान हो जाता है
हाल ही में देखा जा सकता है कि misogyny कमैंट्स महिलाओं और लड़कियों को काफी ज्यादा फेस करने पड़ रहे हैं। ऑफिस में वर्किंग विमेन को जब प्रमोशन मिलता है तो लोग अलग-अलग तरह की बातें बनाते हैं। जैसे कि बॉस के साथ सोने से प्रमोशन तो आसान हो ही जाता है ना। वे यह बात बहुत आसानी से कह देते हैं। उसकी मेहनत को जज करने की बजाय उसके कैरेक्टर पर सवाल उठाने लगते हैं।
3.कभी हंसते हुए नहीं देखा, एटीट्यूड बहुत है उसमें
अक्सर जब कोई किसी लड़की को ज्यादा मुस्कुराते हुए नहीं देखता तो वह आसानी से कह देता है कि उसमें बहुत एटीट्यूड है। लेकिन ऐसा भी तो हो सकता है कि शायद उसका स्वभाव ही ऐसा हो। लेकिन लोगों को तो बस मौका चाहिए बातें बनाने का।
4.इतने मेल फ्रैंड्स की क्या ज़रूरत है?
हमारे समाज में आज भी जब किसी लड़के और लड़की को एक साथ देख लिया जाता है तो उसे गलत नजरों से ही जज करते हैं। लड़के और लड़की के बीच में दोस्ती का रिश्ता तो जैसे लोगों को समझ ही नहीं आता। किसी लड़की के male friends होने पर लोग सवाल उठाने लगते हैं कि यह सही नहीं है।
5.रात को बाहर जाओगी तो ऐसा ही होगा
लोग अपने लड़कों को घर में रखने की वजह अपनी लड़कियों से कहते हैं कि तुम बाहर मत निकलो। अगर रात को घर से बाहर निकलने पर किसी लड़की का रेप हो जाता है तो सवाल लड़के से नहीं बल्कि उसी लड़की से पूछा जाता है। कि तुम बाहर क्यों निकले इतनी रात को? तुम्हें नहीं पता कि रात को बाहर जाने से ऐसा ही होता है।
क्या कर सकता है समाज?
हमें किसी और को रोकने या समझाने से पहले महिलाओं की सोच को बदलना होगा। उन्हें रोकना होगा और समझाना होगा कि एक महिला अपनी आजादी से सब कुछ कर सकती है। ऐसा करने पर उसे जज करना महिलाओं को पीछे खींचने के बराबर है। हमें एक दूसरे का सपोर्ट बनना चाहिए ना की रुकावट।