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मेनोपॉज नाइट स्वीट्स - जब महिलाओं को एक उम्र के बाद पीरियड्स आना बंद हो जाता है तो उसे मेनोपॉज कहते हैं। मेनोपॉज के दौरान हार्मोन में परिवर्तन होता है जिसके कारण कई सारे लक्षण देखने को मिलते हैं। जैसे कि हॉट फ्लैश, पसीना आना, फ्रैक्चर का खतरा होना और आदि। उसी में से एक है नाइट स्वीट्स।
नाइट स्वीट्स और हॉट फ्लैश को हमेशा जोड़कर देखा जाता है। यह मेनोपॉज के पहले या उसके के दौरान आता है। दरअसल इसके दौरान हार्मोन में बदलाव आता है और एस्ट्रोजन और प्रोगैस्टरॉन में कमी आती है जिससे हमारेे बॉडी टेंपरेचर में प्रभाव पड़ता है। इसकेे कारण अचानक गर्मी लगता है और बहुत ज्यादा पसीना आता है।
हॉट फ्लैश और नाइट स्वीट्स के लक्षण सभी महिलाओं में नहींं दिखते हैं। कुछ केवल कभी-कभार हॉट फ्लैश का अनुभव करते हैं, और कुछ लोग दोनोंं का अनुभव करतेे हैं।
• स्किन सेंसिटिव हो जाती है
• ब्रेन में केमिकल इंबैलेंस होता है
• सेल्स में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है
एक्सरसाइज करने से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। यह हॉट फ्लैश के फ्रीक्वेंसी को कम करने में मदद करता है। दरअसल हॉट प्लेस के कारण शरीर का टेंपरेचर बढ़ जाता है। ऐसे में टेंपरेचर को काबू रखने के लिए यह सबसे अच्छा उपाय है।
खानपान का मेनोपॉज में बहुत असर पड़ता है। इसीलिए अपनी डाइट में सोया को शामिल करें। इससे हॉट फ्लैश की समस्या कम हो जाती है।
अगर आपको ऐसे लक्षण दिखे तो आप अलसी के बीज खाइए या आप उसके सप्लीमेंट्स जैसे कि तेल और दवाई कब का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
यदि आप सोने की कोशिश करते है तब हॉट फ्लैश और नाइट स्वीट्स आता है तो अपने कमरे में तापमान कम करें, पंखा चालू करें, चादर और कंबल हटाए, कपड़े को बदलकर हल्के कपड़े पहन लें या कूलिंग स्प्रे, कूलिंग जैल का उपयोग करें।
मेनोपॉज नाइट स्वीट्स
नाइट स्वीट्स क्या होता है?
नाइट स्वीट्स और हॉट फ्लैश को हमेशा जोड़कर देखा जाता है। यह मेनोपॉज के पहले या उसके के दौरान आता है। दरअसल इसके दौरान हार्मोन में बदलाव आता है और एस्ट्रोजन और प्रोगैस्टरॉन में कमी आती है जिससे हमारेे बॉडी टेंपरेचर में प्रभाव पड़ता है। इसकेे कारण अचानक गर्मी लगता है और बहुत ज्यादा पसीना आता है।
हॉट फ्लैश और नाइट स्वीट्स के लक्षण सभी महिलाओं में नहींं दिखते हैं। कुछ केवल कभी-कभार हॉट फ्लैश का अनुभव करते हैं, और कुछ लोग दोनोंं का अनुभव करतेे हैं।
मेनोपॉज के दौरान नाइट स्वीट्स के लक्षण
• स्किन सेंसिटिव हो जाती है
• ब्रेन में केमिकल इंबैलेंस होता है
• सेल्स में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है
ऐसे करें इसका इलाज
1. एक्सरसाइज करें
एक्सरसाइज करने से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। यह हॉट फ्लैश के फ्रीक्वेंसी को कम करने में मदद करता है। दरअसल हॉट प्लेस के कारण शरीर का टेंपरेचर बढ़ जाता है। ऐसे में टेंपरेचर को काबू रखने के लिए यह सबसे अच्छा उपाय है।
2. सोया का सेवन करें
खानपान का मेनोपॉज में बहुत असर पड़ता है। इसीलिए अपनी डाइट में सोया को शामिल करें। इससे हॉट फ्लैश की समस्या कम हो जाती है।
3. अलसी के बीज खाइए
अगर आपको ऐसे लक्षण दिखे तो आप अलसी के बीज खाइए या आप उसके सप्लीमेंट्स जैसे कि तेल और दवाई कब का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. सोते समय यह करें
यदि आप सोने की कोशिश करते है तब हॉट फ्लैश और नाइट स्वीट्स आता है तो अपने कमरे में तापमान कम करें, पंखा चालू करें, चादर और कंबल हटाए, कपड़े को बदलकर हल्के कपड़े पहन लें या कूलिंग स्प्रे, कूलिंग जैल का उपयोग करें।
मेनोपॉज नाइट स्वीट्स