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"फ्लाइंग सिख" मिल्खा सिंह की पत्नी और भारतीय वॉलीबॉल विमेंस टीम की भूतपूर्व कप्तान निर्मल कौर का मानना था की सबको अपनी ज़िन्दगी अपने हिसाब से जीनी चाहिए। वो तब एक वुमन स्पोर्ट्सपर्सन थी जब महिलाओं के लिए इस क्षेत्र में ज़्यादा फैसिलिटीज नहीं थी। इस बारे में उन्होंने "शीदपीपल" को दिए अपने एक इंटरव्यू में विस्तार से बात की थी। रविवार शाम को कोविड से लम्बी लड़ाई के बाद मोहाली में उनकी मौत हो गई है। जानिए उनके बारे में ये सारी बातें:
पठानकोट के एक पंजाबी खत्री फैमिली से बिलोंग करने वाली निर्मल कौर पहले पंजाब वॉलीबॉल टीम की कप्तान थी और उसके बाद भारतीय टीम की। अपने वॉलीबॉल के दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया था की वो सब थर्ड क्लास ट्रैन से रात भर सफर करती थीं और फिर वेन्यू पहुँचाने के लिए टूटी हुई चारपाई का सहारा लेती थीं जिसपर सो कर फिर सुबह वो सब अपना बेस्ट देती थीं। पंजाब वॉलीबॉल टीम की कप्तानी करते हुए उन्होंने लगातार 8 बार पंजाब को जीत दिलाई थी।
साल 1959 में श्रीलंका में पहली बार निर्मल कौर और मिल्खा सिंह मिले थे। मिल्खा सिंह वहां एक एथलेटिक्स कम्पटीशन में हिस्सा लेने गए थे और निर्मल कौर विमेंस वॉलीबॉल टीम की कप्तानी कर रहीं थी। इसके बाद मुलाकातों का सिलसिला जारी रहा और साल 1963 में उन दोनों ने शादी कर ली। उनके 4 बच्चे हैं जिनमें 1 बेटा और 3 बेटियां है। उनके बेटे जाने-माने गोल्फर जीव मिल्खा सिंह है और उनकी बेटियां है डॉ मोना सिंह, अलीज़ा ग्रोवर और सोनिया सनवलका।
पंजाब गवर्नमेंट में वीमेन स्पोर्ट्स की डायरेक्टर रह चुकी थी निर्मल कौर। शीदपीपल को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने बताया था की जो उनके मन में आता था वो वही करती थीं। यही वजह है की वो उनकी लाइफ में फुल्ली सटिस्फाइड हैं और उन्हें कोई भी अफ़सोस नहीं। अपने काम को सीरियसली निभाते हुए उन्होंने बताया था की किस तरह से उन्होंने स्पोर्ट्स फैसिलिटीज में बदलाव करके अपने सारे गोल्स अचीव किए।
अपने आप को एक डिवोटेड वर्कर बताते हुए उन्होंने बताया था की वो अपने सारे काम इसलिए कर पायी क्योंकि वो अपने काम के प्रति समर्पित थीं। उन्होंने बताया था की इंसान को सबसे पहले खुद को प्रेज़ हमेशा करना चाहिए। अपनी लाइफ में अप्लाई किए जाने वाले रूल को शेयर करते हुए निर्मल कौर ने बताया था की हम सबको सोसाइटी को हमेशा "गिव-बैक" करना चाहिए तभी हम सबका विकास होगा। इंटरव्यू की समाप्ति पर उन्होंने कहा था की ज़िन्दगी में बिना हार्ड वर्क, डेटर्मिनेशन और विलपॉवर के कुछ भी अचीव नहीं किया जा सकता है।
भारतीय विमेंस वॉलीबॉल की रह चुकी हैं कप्तान
पठानकोट के एक पंजाबी खत्री फैमिली से बिलोंग करने वाली निर्मल कौर पहले पंजाब वॉलीबॉल टीम की कप्तान थी और उसके बाद भारतीय टीम की। अपने वॉलीबॉल के दिनों को याद करते हुए उन्होंने बताया था की वो सब थर्ड क्लास ट्रैन से रात भर सफर करती थीं और फिर वेन्यू पहुँचाने के लिए टूटी हुई चारपाई का सहारा लेती थीं जिसपर सो कर फिर सुबह वो सब अपना बेस्ट देती थीं। पंजाब वॉलीबॉल टीम की कप्तानी करते हुए उन्होंने लगातार 8 बार पंजाब को जीत दिलाई थी।
इसी बीच मिली थी मिल्खा सिंह से
साल 1959 में श्रीलंका में पहली बार निर्मल कौर और मिल्खा सिंह मिले थे। मिल्खा सिंह वहां एक एथलेटिक्स कम्पटीशन में हिस्सा लेने गए थे और निर्मल कौर विमेंस वॉलीबॉल टीम की कप्तानी कर रहीं थी। इसके बाद मुलाकातों का सिलसिला जारी रहा और साल 1963 में उन दोनों ने शादी कर ली। उनके 4 बच्चे हैं जिनमें 1 बेटा और 3 बेटियां है। उनके बेटे जाने-माने गोल्फर जीव मिल्खा सिंह है और उनकी बेटियां है डॉ मोना सिंह, अलीज़ा ग्रोवर और सोनिया सनवलका।
पंजाब गवर्नमेंट में रह चुकी हैं वीमेन स्पोर्ट्स की डायरेक्टर
पंजाब गवर्नमेंट में वीमेन स्पोर्ट्स की डायरेक्टर रह चुकी थी निर्मल कौर। शीदपीपल को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने बताया था की जो उनके मन में आता था वो वही करती थीं। यही वजह है की वो उनकी लाइफ में फुल्ली सटिस्फाइड हैं और उन्हें कोई भी अफ़सोस नहीं। अपने काम को सीरियसली निभाते हुए उन्होंने बताया था की किस तरह से उन्होंने स्पोर्ट्स फैसिलिटीज में बदलाव करके अपने सारे गोल्स अचीव किए।
बहुत डिवोटेड वर्कर थी निर्मल कौर
अपने आप को एक डिवोटेड वर्कर बताते हुए उन्होंने बताया था की वो अपने सारे काम इसलिए कर पायी क्योंकि वो अपने काम के प्रति समर्पित थीं। उन्होंने बताया था की इंसान को सबसे पहले खुद को प्रेज़ हमेशा करना चाहिए। अपनी लाइफ में अप्लाई किए जाने वाले रूल को शेयर करते हुए निर्मल कौर ने बताया था की हम सबको सोसाइटी को हमेशा "गिव-बैक" करना चाहिए तभी हम सबका विकास होगा। इंटरव्यू की समाप्ति पर उन्होंने कहा था की ज़िन्दगी में बिना हार्ड वर्क, डेटर्मिनेशन और विलपॉवर के कुछ भी अचीव नहीं किया जा सकता है।