Parenting: बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए पैरेंट्स ध्यान रखें ये बातें

बच्चों के बेहतर भविष्य और उन्हें सफल बनाने के लिए इन बातों का पालन करना बहुत लाभकारी हो सकता है। बातों का पालन करने से संतान अज्ञाकारी और संस्कारी बनती है। आइए जानते हैं क्या हैं ये उपाय

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Priya Rajput
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Parents Of Twins(Boldsky)

Parents must keep this in mind for the better future of their child: हर माता-पिता ये चाहते हैं कि उनका बच्चा संस्कारी बने, नियमों का पालन करे और जीवन में सफलता की हर सीढ़िया चढ़े। लेकिन, उनको कामयाब बनाने में मां-बाप की अहम जिम्मेदारियां होती है। कहते हैं किसी भी बच्चे के सबसे पहले शिक्षक उसके पैरेंट्स होते हें। उन्हीं से बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं और अपने जीवन में उसे उतारते हैं। कहा जाता कि यदि बच्चे की नींव अच्छी हो तो निश्चित ही उसका भविष्य भी उज्जव होता है। ऐसे में इन बातों का पालन करना आपके बच्चे के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है।

Parenting: बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए पैरेंट्स ध्यान रखें ये बातें

घर में न करें लड़ाई-झगड़ा

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कहा जाता है कि बच्चे सबसे ज्यादा अपने आस-पास के वातावरण से सीखते हैं। वे जो देखते हैं उसी की नकल उतारने की कोशिश मे लग जाते हैं और उसे ही अपने जीवन में लाते हैं। ऐसे में यदि आप घर का माहौल खराब रखते हैं, अधिक लड़ाई-झगड़ा करते हैं तो इससे आपके बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। आने वाले भविष्य में आपके बच्चे भी इसी आक्रामकता को अपनाते हैं। उसी रवैये को अपने व्यवहार में लाते है।

बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए पहले से करें सेविंग

आज कल के महंगाई भरे ज़माने मे बच्चे की अच्छी परवरिश और उज्जवल भविष्य के लिए जरुरी है कि पहले से ही सेविंग करें। माता-पिता बच्चे के नाम पर एफडी करा सकते हैं। जो जरुरत पड़ने पर उसके काम आ सकती है।

किसी पर निर्भर न हो

यह बात भी बच्चों को सिखानी जरूरी है कि उन्हें हमेशा अपने काम के लिए किसी अन्य पर निर्भर नही होना चाहिए। बच्चों को खाने के बाद अपनी प्लेट धोने से लेकर अपनी बेडशीट साफ करने तक सब कुछ सिखाना चाहिए। इससे यह आदत बच्चों के अंदर हमेशा रहती है।

बच्चों को बड़ों का आदर करना सिखाए

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आज कल बच्चों के पास उनके बड़ों के लिए समय ही नही होता।बच्चे अक्सर अपने घर के बड़ों की बात नहीं सुनते उनका आदर नहीं करते। ऐसे में माता पिता का फ़र्ज है कि वे बच्चे को उनके बड़ों की बात सुनना उनका आदर करना समझाए। घर के बड़ों से, दादी दादा से बच्चे संस्कार सीखते है, जो उनके स्वभाव में झलकता है और उनकी समाज मे एक अलग छवि बनती है।

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