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Period Myths : क्या आप मानते हैं इन पीरियड मिथकों को ?

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Swati Bundela
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Period Myths - पीरियड्स महिला के जीवन का जरूरी हिस्सा है। हर लड़कियों को पीरियड की उम्र में नहीं होता। सामान्य तौर पर लड़कियों को यह 11 से 13 की उम्र में शुरू हो जाता है। लेकिन पीरियड के साथ कुछ मिथस भी हमें सुनने मिलते हैं। इन मिथकों के लिए कई तरह के रोक-टोक भी लगाए जाते हैं। जानिए पीरियड से जुड़ी मिथकों की सच्चाई।

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1. पीरियड्स के दौरान महिलाएं अशुद्ध हो जाती हैं



पहली बात तो अशुद्ध, शुद्ध कुछ भी ऐसा नहीं होता है। पीरियड यानी ओवरीज का विकसित होना। जब अंडा फर्टिलाइज नहीं होता है तो युटेरस के जरिए ब्लड के रूप में बाहर निकलता है।

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यह हमारे शरीर का नार्मल हिस्सा इस अशुद्ध या शुद्ध में बांटना बंद करिए। इसके अलावाा महिलाओं इसके बार जानकारी देनी चाहिए ताकि वह ऐसे मिथकों को ना माने।

2. पीरियड के दौरान महिलाएं नहा नहीं सकती

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सेक्सुअल हाइजीन का ख्याल रखने के लिए पीरियड्स में हमेशा हमें नहाना जरूरी होता है। वरना स्किन इरिटेशन या कोई इंफेक्शन भी हो सकता है।



किसी भी महिलाओं का
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पीरियड के समय नहाने से ब्लड फ्लो पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसीलिए इन मिथस पर ध्यान ना दें और नीरज के दौरान खासकर कर नाहे।

3. पैड और टैम्पोन का इस्तेमाल करने से फ्लो कम हो जाता है

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ब्लड का फ्लो पैड, टैम्पोन पर निर्भर नहीं करता है। आज भी कई महिलाएं पैड होने केेेेे बावजूद भी कपड़े का इस्तेमाल करती है। लेकिन कपड़ेे का इस्तेमाल करने से कई तरह के इंफेक्शन या स्किन इरिटेशन होता है। पैड और टैम्पोन कपड़े के मुकाबले बेहतर विकल्प है।

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4. पीरियड में मंदिर जाना गलत है



पीरियड मंदिर जाना बिल्कुल गलत नहीं है। अगर भगवान ने हम इंसानों को बनाया है तो उन्होंने ही लड़कियों को पीरियड भी दिया है।

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पीरियड से मंदिर जाने की बात इसलिए आई थी ताकि लड़कियां पीरियड्स के दौरान ज्यादा चले ना। लेकिन पीरियड से मंदिर जाने की बात को गलत तरह से लेकर इसे अशुद्ध करार कर दिया।



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