Pitru Paksha 2022: ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध करने से सभी दोषों से मुक्ति मिलती है और पितृ आपसे प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद देते हैं। आपके घर- परिवार में शांति बनी रहती है और धन-धान्य में वृद्दी होती है। पितृ आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और वंशवृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। पितरों के आशीर्वाद से आपको सभी बीमारियों से राहत मिलती है। इस साल पितृपक्ष 10 सितंबर से शुरू होकर 25 सितंबर तक है। पितृपक्ष या श्राद्ध एक 15 दिन की अवधि है जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद के महीने में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दौरान शुरू होती है। यह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को समाप्त होता है। इस अवधि के दौरान, हिंदू अपने पूर्वजों की दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
Pitru Paksha 2022: पितृदोष हटाने के 5 अचूक उपाय
आइए आज की इस ब्लॉग में हम जानते हैं पित्र दोष हटाने के 5 अचूक उपाय वास्तुशाला के अनुसार -
1. श्राद्ध पक्ष में तर्पण और पिंडदान करें। ब्राह्मण को भोजन कराएं। मृत्युतिथि नहीं मालूम है तो श्राद्ध पक्ष की अमावस्या के दिन तर्पण करें।
2. कर्पूर जलाने से देवदोष व पितृदोष खत्म होता है। प्रतिदिन सुबह और शाम घर में कर्पूर जरूर जलाएं। कर्पूर को घी में डूबोकर या फिर कभी गुढ़ के साथ मिलाकर जलाएं।
3. पीपल के पेड़ पर जल, लाल फूल दूध व काले तिल चढ़ाकर पूर्वजों की प्रार्थना करें। अगर संभव हो तो घर या मंदिर में पीपल का पौधा लगाकर पूर्वजों के मोक्ष की कामना करें।
4. घर में दक्षिण दिशा की दीवार में अपने पूर्वजों का माला सहित चित्र लगाएं। प्रत्येक दिन सुबह शाम पूर्वजों के सामने घी का दीपक जला कर क्षमा मांगे और प्रसाद चढ़ाये।
5. कौवा समेत सभी पंछी, गाय और कुत्ता ( इन में से सभी या एक ) को हर दिन भोजन कराएं चिड़ियों के लिए पानी भी रखे।
Pitru Paksha 2022: जानिए पितृदोष के लक्षण क्या हैं
1. हर काम मे बाधा आना
अगर कोई भी काम करते समय उसमें अड़चन आ रही है या मेहनत के बाद भी आपके काम सफल बिलकुल भी नहीं हो पा रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके पितर आपसे नाराज़ हैं।
2. शादी में देरी
अगर आपकी शादी में अड़चन आ रही हैं या शादी की बात बनते - बनते बिगड़ जाती है हमेशा या आपके जीवन में बेवजह कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तो यह पितृ दोष हो सकता है।
3. बच्चों से जुड़ी समस्या
अगर आपके बच्चे आपकी बात नहीं सुनते या वह विरोधी हो गए हैं तो इसका मतलब है कि पितर आपसे नाराज हैं। पितर जब नाराज होते हैं तो बच्चे बेवजह विरोध करते हैं।