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डिलीवरी के बाद वजाइना में आते हैं ये 6 बदलाव

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Swati Bundela
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बच्चे को जन्म देना आसान काम नहीं है ,प्रेगनेंसी की शुरुवात से लेकर डिलीवरी तक एक मां को बहुत असहनीय दर्द से गुज़रना पड़ता है। वजाइनल डिलीवरी के टाइम एक वूमेन को बहुत तकलीफ होती है। लड़कियों के शरीर के इस अंग से शिशु निकलता है, जिस वजह से वैजाइना को बहुत तरह के खिंचाव और तनाव से गुजरना पड़ता है। डिलिवरी के बाद वजाइना में बहुत सारे बदलाव आते हैं।

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डिलीवरी के बाद वजाइना में आते हैं ये 6 बदलाव



वजाइना ड्राइ हो जाती है

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डिलीवरी के बाद वजाइना में ड्राइनेस होना आम बात है , एस्ट्रोजेन का लेवल कम हो जाने की वजह से वजाइना ड्राइ होने लगती है। खुजली, जलन, गीलापन के कारण इंफेक्शन होने के चान्सेस बढ़ जाते है। इसी ड्राइनेस के कारण सेक्स करते वक्त दर्द महसूस होने लगता है।

वजाइना का आकार पहले से बड़ा महसूस होने लगता है

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शिशु के जन्‍म के दौरान वजाइना बहुत चौड़ी हो जाती है। वैसे तो वजाइना बहुत लचीला होता है इसलिए वजाइनल डिलीवरी के टाइम उसका आकार बढ़ जाता है। इस वजह से डिलीवरी के बाद आपको वजाइना में ढीलापन महसूस हो सकता है। वजाइना को अपने सामान्‍य आकार में आने में तीन से छह हफ्ते का समय लगता है

टांकों के बाद दर्द

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डिलीवरी के बाद मां के वजाइना में टांके लगते हैं ,अगर आप पहली बार मां बनी है तो ये टाइम आपके लिए थोड़ा ज्यादा मुश्किल हो सकता है। डिलीवरी के दौरान कई बार पेरिनियम के बीच का भाग नहीं फटता है,इ सलिए आसानी से डिलीवरी करने के लिए डॉक्टर को वजाइना से लेकर ऐनस तक चीरा लगाना पड़ता है। फिर डिलीवरी के बाद स्टिच (जिसे एपिस्टोमी भी कहते है) करना पड़ता है। इन टांको को भरने में एक से दस हफ्ते का समय लगता है।

सेक्स के दौरान दर्द

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प्रेगनेंसी के बाद पहली बार सेक्‍स करने में दर्द महसूस हो सकता है,ये वजाइना में ड्राईनेस की वजह से भी हो सकता है। कभी-कभी ये प्रॉबल्म कम समय के लिए होती है तो कभी लंबे समय के लिए भी हो सकती है। इसलिए अक्सर डिलिवरी के कई महीनो के बाद भी सेक्सुअल डिजायर वापस नहीं लौट पाती। लेकिन डिलीवरी के बाद पूरी तरह से रिकवर होने पर आप सेक्‍स कर सकती हैं।

पेशाब रोकने में आती है काफी मुश्किल

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वजाइनल डिलिवरी के बाद वजाइना वॉल के मसल्स ज़्यादा खिच जाते हैं जिस वजह से पेशाब रोक पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहीं छींकने या खांसने पर भी वह लीक हो जाता है। अगर समय के साथ ये प्रॉबल्म कंट्रोल में न आये तो तुरन्त डॉक्टर से सलाह लें।



डिलीवरी के बाद वजाइना में ये सभी चेंजिस आते है ,हालांकि इन बदलावों के लेकर ज्यादा स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये प्रोब्लेम्स समय के साथ ठीक हो जाती है। लेकिन डिलीवरी के बाद वजाइना की देखभाल करना बहुत जरूरी है, वर्ना इंफेक्‍शन का खतरा हो जाता है।
सेहत Pregnancy डिलीवरी के बाद वजाइना में बदलाव
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