Beauty Standards: सौंदर्य और शरीर की छवि को पुनः डिफाइन करना

सौंदर्य के मान्यताओं का तोड़ कर एक नई सोच की ओर कदम बढ़ाना आजकल का ट्रेंड बन चुका है और बनना चाहिए। व्यक्ति की शारीरिक सोच को समझने और स्वीकार करने की यह नई सोच हमें सौंदर्य और शरीर की छवि को पुनः परिभाषित करने के लिए प्रेरित कर रही है।

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Hindi Team
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(Image credit- Freepik)

Beauty Standards: सौंदर्यकेमान्यताओंकातोड़करएकनईसोचकीओरकदमबढ़ानाआजकलकाट्रेंडबनचुकाहैऔरबननाचाहिए।व्यक्तिकीशारीरिकसोचकोसमझनेऔरस्वीकारकरनेकीयहनईसोचहमेंसौंदर्यऔरशरीरकीछविकोपुनःपरिभाषितकरनेकेलिएप्रेरितकररहीहै।

सौंदर्यऔरशरीरकीछविकोपुनःडिफाइनकरना

1. पारंपरिकसौंदर्यमानक

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समयकेसाथ, सौंदर्यकीपरिभाषामेंभीपरिवर्तनहुआहै।ट्रेडिशनकीनज़रसे, सुंदरताकामापआमतौरपरदुबले-पतलेशरीर, सफेदत्वचाऔरभारतीयसमाजमेंगोरीहोतीआईहै।इसकापरिणामहैकिकईमहिलाएंअपनेआत्म-समर्पणकोस्वीकारकरनेमेंकठिनाईमहसूसकरतीहैं।

2. सौंदर्यकीनईपरिभाषा

आज, समाजद्वारासौंदर्यकोनईसोचसेदेखाजारहाहै।सौंदर्यअबसिर्फबाहरीरूपसेनहीं, बल्किआत्माकीसुंदरता, विशेषताऔरअपनीयूनिकनेसमेंभीहोताहै।व्यक्तिकाआत्म-समर्पणऔरसकारात्मकताहीउसकाअसलीसौंदर्यहैं।

3. शरीरकीछविऔरस्वास्थ्य

शरीरकीछविकीपुराणीमान्यताओंकोतोड़कर, स्वास्थ्यकोमहत्वपूर्णबनानेकाप्रयासकरतेरहनाचाहिएविभिन्नआंदोलनऔरकैंपेन्सनेसाबितकियाहैकिसहीसेआहार, नियमितव्यायामऔरमानसिकस्वास्थ्यकाध्यानरखनेसेहीव्यक्तिकाशरीरस्वस्थरहसकताहै, जिससेउसकीआत्म-समर्पणमेंभीसुधारहोतीहै।

4. मीडियाकायोगदान

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मीडियाभीइसनएसोचकोबढ़ावादेनेमेंमददकररहाहै।विभिन्नमीडियाप्लेटफॉर्म्सनेव्यक्तियोंकीअसलीसौंदर्यकोप्रमोटकरनेकाकार्यकियाहैऔरउन्हेंशरीरिकऔरमानसिकस्वस्थताकीप्रायोरिटीदेनेकासमर्थनकियाहै।

5. नएआदर्श

समाजमेंसौंदर्यकेनएआदर्शबनरहेहैंजोसभीकोस्वीकारकरनेकीदिशामेंहैं।एकव्यक्तिकीमौजूदगीऔरउसकासच्चासौंदर्यउसकेआत्म-समर्पणमेंहै, जोउसेअद्वितीयबनाताहै।

सौंदर्यकीपुराणीमान्यताओकोतोड़कर, हमएकनएसमाजकीओरकदमबढ़ारहेहैंजोसभीकोउनकीयूनिकनेसस्वीकारकरनेकामौकादेताहै।सौंदर्यकोएकसामाजिकपॉइंटऑफ़व्यूसेदेखनेकायहनयानज़रियाहमेंसिखाताहैकिसच्चीसुंदरताआत्म-समर्पणऔरसकारात्मकतामेंहै।

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