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Photograph: (File Image )
Reasons Behind Why Women Still Face Misogyny: आज भी महिलाओं को मिसोजिनी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि समाज में लिंग भेदभाव और पितृसत्तात्मक मानसिकता अभी भी मौजूद है। मिसोजिनी एक ऐसी मानसिकता है जिसमें महिलाओं को पुरुषों से कमतर माना जाता है और उनके अधिकारों और हितों को नजरअंदाज किया जाता है। यह मानसिकता समाज में विभिन्न रूपों में प्रकट होती है, जैसे कि महिलाओं के प्रति हिंसा, उनके अधिकारों का हनन, और उनके प्रतिनिधित्व की कमी।
मिसोजिनी के कारण महिलाओं को अपने जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि शिक्षा और रोजगार में अवसरों की कमी, घरेलू हिंसा, और राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी। इसके अलावा, मिसोजिनी के कारण महिलाओं को अपने आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बनाए रखने में भी कठिनाई होती है। मिसोजिनी के खिलाफ लड़ने के लिए समाज में जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता है। महिलाओं के अधिकारों और हितों के लिए लड़ने वाले संगठनों और व्यक्तियों को समर्थन देना भी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, समाज में लिंग समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए भी काम करना आवश्यक है।
क्यों आज भी महिलाओं को Misogyny का सामना करना पड़ रहा है?
आइए जानते हैं क्यों आज भी महिलाओं को Misogyny का सामना करना पड़ रहा है
1.पितृसत्तात्मक मानसिकता
समाज में पितृसत्तात्मक मानसिकता अभी भी मौजूद है, जिसमें पुरुषों को महिलाओं से श्रेष्ठ माना जाता है। यह मानसिकता महिलाओं के प्रति भेदभाव और हिंसा को बढ़ावा देती है।
2.लिंग भेदभाव
समाज में लिंग भेदभाव अभी भी मौजूद है, जिसमें महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर नहीं दिए जाते हैं। इससे महिलाओं को अपने अधिकारों और हितों के लिए लड़ना पड़ता है।
3.सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताएं
समाज में कई सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं जो महिलाओं को कमतर मानती हैं। ये मान्यताएं महिलाओं के प्रति भेदभाव और हिंसा को बढ़ावा देती हैं।
4.शिक्षा और जागरूकता की कमी
समाज में शिक्षा और जागरूकता की कमी है, जिससे लोग मिसोजिनी के प्रभावों को नहीं समझते हैं। इससे मिसोजिनी के खिलाफ लड़ने के लिए आवश्यक समर्थन नहीं मिल पाता है।
5.संस्थागत और संरचनात्मक समस्याएं
समाज में में संस्थागत और संरचनात्मक समस्याएं हैं जो मिसोजिनी को बढ़ावा देती हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए संस्थागत और संरचनात्मक बदलावों की आवश्यकता है।