Advertisment

Income Disparity: क्यों अक्सर महिलाओं और पुरुषों की इनकम होती है अलग

क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों महिलाओं को हमेशा पुरुषों से कम इनकम मिलती है? क्या आपने कभी इसके बीच का रीजन समझने की कोशिश की है? आइए जानते हैं इस बारे में और इसके रीजंस के बारे में इस ओपिनियन ब्लॉग के जरिए

author-image
Aastha Dhillon
New Update
working women

Income Disparity Against Women

Income Disparity: हमने अक्सर अपने समाज में देखा है कि महिलाओं और पुरुषों की इनकम में अंतर हमेशा से रहा है। महिलाएं चाहे समान रूप से बढ़कर समान एक्सपीरियंस के साथ समान काम कर रही हो फिर भी उन्हें पुरुषों के मुकाबले कम कमाई दी जाएगी। ऐसे न जाने कितने ही केस सामने आए हैं जहां महिलाओं के साथ ऐसा अत्याचार देखा गया है। पर क्या आपने कभी खुद से प्रश्न किया है कि क्यों होता है ऐसा? और क्यों करती हैं महिलाएं इन दिक्कतों को नॉर्मलाईज? 

Advertisment

ILO का क्या कहना है?

आईएलओ का कहना है कि देश के आधार पर महिलाएं पुरुषों के वेतन का 50% से 96% के बीच कमाती हैं (तालिका देखें)। अन्य कार्यस्थलों में महिलाओं द्वारा सामना की जाने वाली बाधाओं की दृढ़ता को दर्शाते हैं।

Advertisment

महिलाओं का रोजगार मुख्य रूप से सीमित क्षेत्रों में केंद्रित है (विशेष रूप से सेवाएं, जहां नौकरियों तक पहुंच आसान है लेकिन मजदूरी अक्सर कम होती है और नौकरी की सुरक्षा न्यूनतम होती है)। यहां तक ​​कि उन क्षेत्रों के भीतर भी महिलाएं खुद को निचले स्तरों पर जमा हुआ पाती हैं।

ILO ने पाया है कि संरचनात्मक समायोजन कार्यक्रमों के परिणामस्वरूप विकासशील देशों में आर्थिक कठिनाइयाँ अधिक महिलाओं को भीड़भाड़ वाले, अनौपचारिक क्षेत्र में मजबूर कर रही थीं क्योंकि पुरुष औपचारिक क्षेत्र में नौकरी खो देते हैं।

क्या है कारण इस भेदभाव के?

Advertisment

1. प्रोडक्टिविटी पर शक

अक्सर महिलाओं की प्रोडक्टिविटी(Productivity) पर शक किया जाता है। ऐसा समझा जाता है कि महिलाएं अपना समय विभिन्न जगह बैठकर अपने काम पर कम ध्यान देंगी और इसी कारण से उनकी इनकम पुरुषों के मुकाबले कम आती जाती है। परंतु यह बिल्कुल सही नहीं है महिलाएं भी पुरुषों की तरह पूर्ण रूप से सजग और अच्छे रिजल्ट्स के साथ काम करती हैं।

Advertisment

2. समान अपॉर्चुनिटी ना मिले ना

हमने देखा है कि महिलाओं को समान रूप से अपॉर्चुनिटी (Opportunity) नहीं दी जाती है। उन्हें पुरुषों की तरह बाहर ज्यादा समय तक काम नहीं करने दिया जाता। उनसे उम्मीद की जाती है कि वह समय पर ऑफिस जाए और समय पर वापस आ जाए। परंतु ऐसा करने पर हम उन्हें उनके पूरे पोटेंशियल पर पहुंचने से रोक रहे हैं।

3. सामान ट्रेनिंग ना होना

अक्सर देखा गया है कि महिलाओं को समान रूप से ट्रेन नहीं किया जाता। उनसे यह एक्सपेक्ट किया जाता है कि उनकी शादी हो जाएगी तो उन्हें शिक्षा की भी समान रूप से पढ़ चुनर नहीं मिलती। और ऐसे ही अपॉर्चुनिटी की कमी के वजह से जॉब पर उन्हें सामान्य रूप से ट्रेनिंग(Training) नहीं दी जाती। और यह सब बातें अंत में उन्हें कम इनकम लेने पर मजबूर कर देती है।

Training income Opportunity Income disparity Productivity ILO
Advertisment