Same Sex Marriages: समलैंगिक विवाह या सेम सेक्स मैरेज पिछले कुछ समय से तेजी से बढ़ा है। पहले यह पश्चिमी सभ्यता में देखने को मिलता था लेकिन पिछले कुछ समय में भारत में भी समलैंगिक सम्बन्धों और सेम सेक्स मैरेज के आंकड़े काफी ज्यादा बढ़ें हैं। भारत में पिछले कई सालों में तमाम सेम सेक्स मैरेज के केशेज देखने को मिले हैं और आम जनता मे से कुछ लोग इनका विरोध करते हैं जबकि कुछ लोग इनके समर्थन में भी हैं। समलैंगिक सम्बन्ध को प्रकृति के नियमों के खिलाफ चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में भारतीय समाज को इसे एक्सेप्ट करने में काफी कठिनाई हो रही है।
क्या हैं समलैंगिक विवाहों के बढ़ने के कारण
1. लीगलाइजेशन
कई देशों में समलैंगिक विवाहों को मान्य कर दिया गया है जिसके कारण भी सेम सेक्स मैरेज में बढ़ोत्तरी आई है। तमाम देश सेम सेक्स मैरेज को क़ानूनी अधिकार देने को तैयार हैं ऐसे में इनके आंकड़ों में बढ़ावा हुआ है। भारत में भी इस पर काम किया जा रहा है।
2. व्यवहारों में बदलाव
LGBTQ+ के अधिकारों और समानता को लेकर लोगों के व्यवहार में अब बदलाव आने लगे हैं। जैसे-जैसे लोगों के व्यवहार में बदलाव हो रहा है वैसे ही सेम सेक्स मैरेज को बढ़ावा भी मिल रहा है।
3. कोर्ट के फैसले
कोर्ट के फैसले और समलैंगिक विवाहों के अधिकारों को लेकर महत्वपूर्ण फैंसलों ने भी इसकी संख्या को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके आलावा क़ानूनी रूप से दी गई मिशालों ने भी सेम सेक्स मैरेज को बढ़ावा दिया है।
4. विजिबिलिटी और रिप्रेजेंटेशन
आज कल मीडिया और मनोरंजन के साधनों और और सार्वजनिक रूप से समलैंगिक जोड़ों के बारे में दिखाए जाने से भी सेम सेक्स मैरेज को बढ़ावा मिला है। इन सभी ने मिलकर ऐसे विवाहों को एकदम नार्मल बनाने और मानने में मदद की है।
5. सपोर्टिव संस्थान और नीतियाँ
देश में कई ऐसे संस्थान हैं जो समलैंगिक रिश्तों को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। शैक्षणिक संस्थानों और धार्मिक संघठनों ने मिलकर भी ऐसी नीतियाँ बनाई हैं जिससे इन विवाहों को बढ़ावा मिला है। ऐसे बदलावों ने सेम सेक्स मैरेज वाले लोगों के लिए नार्मल वयवहार वाला माहौल तैयार किया है।
6. बेनेफिट्स एंड राइट्स
विवाह के लिए कानूनी अधिकार और सामाजिक लाभ मिलना शुरुआत में काफी ज्यादा कठिन था। जबकि समय के साथ इसमें बदलाव आया है। इसमें स्वस्थ देखभाल, विरासत का अधिकार और कई अन्य लाभ और अधिकार मिले हैं जिसके कारण समलैंगिक विवाहों को बढ़ावा मिला है।