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Republic Day Facts: क्या आप जानते हैं 26 जनवरी से जुड़े ये रोचक तथ्य?

गणतंत्र दिवस के महत्व को समझने के लिए पढ़ें 10 रोचक और कम ज्ञात तथ्य। जानें भारतीय गणराज्य की नींव, परेड की परंपराएं और अन्य ऐतिहासिक जानकारी।

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Vaishali Garg
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78th Independence Day Event At Red Fort

Republic Day Facts: भारत में 26 जनवरी का दिन एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक अवसर के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि यह दिन हमारे संविधान के लागू होने का प्रतीक है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था, और तभी से यह दिन हमारे देश के गणराज्य बनने का प्रतीक बन गया। गणतंत्र दिवस पर हर साल दिल्ली में भव्य परेड का आयोजन किया जाता है, जिसमें भारतीय सेना, विभिन्न राज्य पुलिस बल और सांस्कृतिक समूह अपनी झांकियां और प्रदर्शन करते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य केवल हमारे संविधान की महत्ता को मान्यता देना नहीं, बल्कि यह भी दिखाना है कि भारतीय लोकतंत्र में समानता, स्वतंत्रता और भाईचारे के सिद्धांतों को महत्व दिया जाता है।

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गणतंत्र दिवस का उत्सव भारतीय संस्कृति और एकता का उत्सव है, जो देशवासियों को एकजुट करने का काम करता है। इस दिन को लेकर कई कम ज्ञात और रोचक तथ्य हैं, जो हमें इस ऐतिहासिक दिन की गहराई और महत्व को और अधिक समझने में मदद करते हैं। आइए, हम जानते हैं 26 जनवरी से जुड़े ऐसे कुछ रोचक तथ्यों के बारे में, जो शायद ही किसी को पता हों।

क्या आप जानते हैं 26 जनवरी से जुड़े ये रोचक तथ्य?

1. पूर्ण स्वराज दिवस की स्मृति

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26 जनवरी का दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की थी। यही कारण है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया था।

2. संविधान निर्माण में लगा समय

भारतीय संविधान को तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। यह संविधान भारतीय लोकतंत्र की नींव है और इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया, जबकि यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।

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3. पहली गणतंत्र दिवस परेड

भारत की पहली गणतंत्र दिवस परेड 1950 में दिल्ली के इरविन स्टेडियम (अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम) में आयोजित की गई थी। इस परेड में 100 से अधिक विमान और 3,000 से अधिक सैन्य कर्मियों ने भाग लिया था।

4. मुख्य अतिथि की परंपरा

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प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस पर एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। 1950 में पहले गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।

5. तोपों की सलामी

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। यह सलामी राष्ट्रपति के आगमन के साथ शुरू होती है और राष्ट्रगान के समाप्त होने पर इसे पूरा किया जाता है।

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6. 'एबाइड विद मी' धुन

गणतंत्र दिवस परेड के समापन पर 'एबाइड विद मी' धुन बजाई जाती है, जो महात्मा गांधी की पसंदीदा धुनों में से एक थी। इस धुन को बजाना गणतंत्र दिवस की एक महत्वपूर्ण परंपरा है।

7. परेड की तैयारी

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गणतंत्र दिवस परेड की तैयारी जुलाई महीने से शुरू हो जाती है। परेड के प्रतिभागियों को लगभग 600 घंटे का अभ्यास करना पड़ता है, और परेड के दिन वे सुबह 3 बजे स्थल पर पहुंचते हैं।

8. संविधान की हस्तलिखित प्रतियां

भारतीय संविधान की दो मूल प्रतियां, एक हिंदी में और एक अंग्रेजी में, हाथ से लिखी गई हैं। ये दोनों प्रतियां संसद भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी गई हैं।

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9. राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार

गणतंत्र दिवस के अवसर पर बच्चों को असाधारण साहस के लिए राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। यह पुरस्कार बच्चों को उनके साहसिक कार्यों के लिए दिया जाता है, जो उन्होंने समाज के भले के लिए किए होते हैं।

10. गणतंत्र दिवस 2025

गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो होंगे। यह परंपरा हर साल एक विदेशी अतिथि को आमंत्रित करने की रहती है, और हर बार यह परंपरा देश-दुनिया को एकजुट करती है।

गणतंत्र दिवस का यह आयोजन हमारे देश की एकता, विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इन तथ्यों के माध्यम से हम समझ सकते हैं कि इस दिन का महत्व केवल आधिकारिक उत्सव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें भारतीय लोकतंत्र और संविधान की महानता को याद दिलाता है।

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