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जानिए महिलाओं को सुरक्षित रखने वाले 8 अधिकारों के बारे में

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Swati Bundela
08 Oct 2020
जानिए महिलाओं को सुरक्षित रखने वाले 8 अधिकारों के बारे में


संविधान द्वारा हमें कुछ विशेष शक्तियां मिली है जिहका हकदार देश का हर नागरिक हैं। लेकिन यह बहुत ही शर्म की बात है कि बहुत कम नागरिक ही अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल कर पाते हैं। कौन से हैं महिलाओं को सुरक्षित करने वाले अधिकार ?





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जानिए ऐसे कौन से 8 अधिकार हैं जिसके बारे में हर महिला को पता होना चाहिए -





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1. समानता का अधिकार







यह विशेष अधिकार महिलाओं को देश में प्रचलित जैंडर इनिक्वालिटी के खिलाफ लड़ने के लिए बहुत शक्ति देता है। इसके अनुसार, राज्य सेक्स के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करेगा।





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2. कार्यस्थल पर हैरेसमेंट (Workplace Harassment) के खिलाफ अधिकार





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यह विशेष अधिकार सुनिश्चित करता है कि महिलाएं पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में सैक्सुअल हैरेसमेंट से सुरक्षित हैं ।इसके तहत, 10 से अधिक कर्मचारियों वाले हर ऑर्गेनाइजेशन के लिए sexual harassment committee होना जरूरी है।









3. गुमनामी का अधिकार



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इसके अनुसार, Sexual Assault का विक्टिम अगर चाहें तो अपनी पहचान छुपा सकते हैं। उन्हें पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है। वे घर से अपने बयान दे सकते हैं।







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4. घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार







राज्य पत्नी, लिव-इन पार्टनर या गर्लफ्रेंड के खिलाफ फिजिकल, सैक्सुअल, मैंटल, वर्बल या इमोशनली एब्यूज के किसी भी रूप की निंदा करता है।



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5. दहेज के खिलाफ अधिकार







भारत में बेटी की शादी में दहेज देने का कार्य प्रतिबंधित है। लेकिन कई परिवार इसे ध्यान में नहीं रखते हैं। दहेज देना अधिकांश भारतीय परिवारों के लिए गर्व का कार्य माना जाता है।









6. मैटरनिटी बेनिफिट ऐक्ट का अधिकार







Maternity Benefit Act (1961)  महिला कर्मचारियों के रोज़गार की गारंटी देने के साथ-साथ उन्हें मैटरनिटी बेनिफिट का अधिकारी बनाता है, ताकि वह बच्चे की देखभाल कर सकें।









7. कन्या भ्रूण हत्या ( Female foeticide) के खिलाफ अधिकार







कंसेपशन और Pre-Natal Diagnostic Techniques के द्वारा किसी भी विशेष जेंडर के बच्चे के जन्म के लिए कोई भी सेक्स- सेलेक्टिव तकनीक के उपयोग को प्रतिबंधित करता है।









8. गर्भावस्था (Pregnancy) को समाप्त करने का अधिकार







द मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट (1974)  द्वारा एक महिला को अपनी गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी जाती है यदि यह उसके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन जाता है।



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