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डिजिटल युग में सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर हम अपने विचार साझा करते हैं, दोस्तों और परिवार से जुड़े रहते हैं और अपनी जिंदगी के खास पलों को ऑनलाइन शेयर करते हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर हमारी निजी जानकारी कितनी सुरक्षित है? कई बार लोग अनजाने में ऐसी जानकारियां साझा कर देते हैं, जो साइबर अपराधियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इंटरनेट के बढ़ते खतरों को देखते हुए अपनी ऑनलाइन प्राइवेसी को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी हो गया है।
Safer Internet Day Special: सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी कैसे सुरक्षित रखें?
प्राइवेसी सेटिंग्स को समझना और सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी
सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग्स को अनदेखा करना कई बार भारी पड़ सकता है। अक्सर लोग अपनी प्रोफाइल को 'पब्लिक' रख देते हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति उनकी तस्वीरें, पोस्ट और व्यक्तिगत जानकारी तक आसानी से पहुंच सकता है। इससे बचने के लिए अपनी प्रोफाइल को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म पर यह विकल्प दिया जाता है कि आप अपनी पोस्ट और निजी जानकारी किसके साथ साझा करना चाहते हैं। हमेशा अपनी सेटिंग्स को 'फ्रेंड्स' या 'ओनली मी' पर सेट करना चाहिए, ताकि केवल वही लोग आपकी जानकारी देख सकें, जिन पर आप भरोसा करते हैं।
स्ट्रॉन्ग पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का उपयोग करना जरूरी
सोशल मीडिया अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए मजबूत पासवर्ड का होना बेहद जरूरी है। एक कमजोर पासवर्ड साइबर अपराधियों के लिए आसान लक्ष्य बन सकता है। पासवर्ड बनाते समय हमेशा बड़े और छोटे अक्षरों, नंबर और विशेष कैरेक्टर का इस्तेमाल करें। साथ ही, हर कुछ महीनों में पासवर्ड बदलते रहना चाहिए ताकि कोई भी इसे आसानी से हैक न कर सके।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) भी एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है, जिससे आपके अकाउंट को अतिरिक्त सुरक्षा मिलती है। जब भी कोई नया डिवाइस आपके अकाउंट में लॉगिन करने की कोशिश करता है, तो यह सुरक्षा सुविधा आपको ओटीपी या कोड भेजकर सुनिश्चित करती है कि सिर्फ आप ही अपने अकाउंट तक पहुंच सकते हैं।
अजनबी लिंक और फ्रॉड मैसेज से सतर्क रहना जरूरी
इंटरनेट पर कई ऐसे लिंक और मैसेज आते हैं, जो देखने में बिल्कुल असली लगते हैं, लेकिन असल में वे साइबर अपराधियों द्वारा भेजे गए फिशिंग लिंक होते हैं। ऐसे किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता की जांच जरूर करनी चाहिए। कई बार ईमेल या मैसेज के जरिए बैंक या सोशल मीडिया साइट के नाम से नकली लिंक भेजे जाते हैं, जिनका मकसद आपकी निजी जानकारी चुराना होता है।
ऑनलाइन ऑफर्स, इनाम जीतने वाले मैसेज और संदिग्ध लिंक से बचना जरूरी है। अगर कोई अनजान व्यक्ति आपको किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए कह रहा है, तो पहले उसकी सच्चाई की पुष्टि करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज करने की बजाय सतर्क रहना ही बेहतर है।
निजी जानकारी साझा करने से बचना चाहिए
सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा करना जोखिम भरा हो सकता है। कई लोग अपनी जन्मतिथि, घर का पता, फोन नंबर और ईमेल आईडी को सार्वजनिक कर देते हैं, जिससे उनकी पहचान चोरी होने का खतरा बढ़ जाता है। साइबर अपराधी इन जानकारियों का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारियों को साझा करने से पहले दो बार सोचा जाए।
यात्रा से जुड़ी जानकारियां और लाइव लोकेशन साझा करना भी सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकता है। अगर आप कहीं बाहर जा रहे हैं, तो अपनी यात्रा की जानकारी सोशल मीडिया पर डालने से बचें। हमेशा अपनी निजी जानकारियों को सीमित लोगों तक ही साझा करें और किसी भी अजनबी से इस बारे में चर्चा न करें।
सोशल मीडिया पर अजनबियों से सतर्क रहना जरूरी
सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट और फॉलोअर्स स्वीकार करने से पहले पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए। कई बार अजनबी लोग सोशल मीडिया पर जुड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनका असली मकसद कुछ और होता है। फेक प्रोफाइल्स का इस्तेमाल कर कई लोग डेटा चोरी या साइबर अपराध को अंजाम देते हैं।
अगर कोई अजनबी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता है, तो सबसे पहले उसकी प्रोफाइल की जांच करें। शक होने पर गूगल रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल करें, जिससे पता चल सके कि प्रोफाइल फोटो असली है या नकली। अगर कोई व्यक्ति संदिग्ध लगे, तो उसे ब्लॉक कर देना ही बेहतर होता है। सोशल मीडिया पर सिर्फ उन्हीं लोगों से जुड़े रहें, जिन्हें आप वास्तविक जीवन में जानते हैं।
थर्ड-पार्टी ऐप्स और वेबसाइट्स से बचाव जरूरी
कई बार हम सोशल मीडिया अकाउंट को थर्ड-पार्टी ऐप्स या वेबसाइट्स से लिंक कर देते हैं, जिससे हमारी निजी जानकारी लीक होने का खतरा बढ़ जाता है। कई ऐप्स आपकी सोशल मीडिया प्रोफाइल तक पहुंच की अनुमति मांगते हैं, लेकिन उनमें से सभी भरोसेमंद नहीं होते।
अपने सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़े थर्ड-पार्टी ऐप्स की नियमित रूप से जांच करें और जिनकी जरूरत न हो, उन्हें हटा दें। किसी भी नई वेबसाइट या ऐप को एक्सेस देने से पहले उसकी प्रमाणिकता को जरूर जांचें। यदि कोई ऐप जरूरत से ज्यादा निजी जानकारी मांग रहा है, तो उसे डाउनलोड करने से बचना ही बेहतर है।
साइबर बुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न से निपटने के तरीके
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग, साइबर बुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न जैसी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। अगर कोई व्यक्ति आपको ऑनलाइन परेशान कर रहा है या अनुचित मैसेज भेज रहा है, तो इसे नजरअंदाज करने की बजाय तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
ऐसे किसी भी व्यक्ति को तुरंत ब्लॉक और रिपोर्ट करें। यदि कोई व्यक्ति आपको धमकी देता है या मानसिक रूप से परेशान करता है, तो साइबर क्राइम हेल्पलाइन या पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। सोशल मीडिया पर आपकी सुरक्षा आपके ही हाथ में होती है, इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।