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समाज अनंतकाल से ही अपने हर वर्ग के लोगों के लिए बहुत कुछ कहता आ रहा है। विशेषकर महिलाओं के लिए इस समाज के पास हर वक़्त कोई न कोई टिप्पणी तैयार रहती ही है। मेरे नज़र में समाज की पांच बातें जो मैं सुन कर थक गयी हूँ वो हैं :
एक पोस्टग्रेडुएशन (postgraduation) की छात्रा होने के कारण मैंने अपने आस-पास के कई लोगों की त्योरियां चढ़ते हुए देखी है जिन्हें मेरे आगे और पढ़ाई करने की सोच पे हैरत होती है । खासकर मुझसे एक पीढ़ी आगे के लोगों को हमेशा इस बात की चिंता मेरे माँ-बाप से ज़्यादा लगी रहती है की अगर मैं और आगे पढ़ाई जारी रखूंगी तो मेरी शादी कैसे होगी ।
समाज की एक ही ढांचे में हर लड़की को डालने की दकियानूसी आदत तो बहुत पुरानी है और दुखद बात ये है कि इकीसवीं सदी में पहुँच जाने के बाद भीं ये समाज, विशेष कर लड़की से एक ही तरह के बर्ताव कि उम्मीद रखता है । ऐसी बातें कहने से केवल इस समाज में फैले अज्ञानता के अंधकार का ही पता चलता है । कुछ नया स्वीकार करने में भी इसलिए समाज को इतनी परेशानी होती है।
आज के समय में आधुनिक विचारधारा को अपनाना सबके लिए आसान नहीं होता लेकिन अगर किसी भी माता-पिता ने इसको अपनाते हुए अपनी बेटी के हर फैसले में उसका समर्थन करे तो सबसे पहली बात जो ये समाज कहता है वो है कि उन्होंने बहुत छूट दे रखी है ।
इकीसवीं सदी में रहने के बावजूद आज भी ये समाज ख़ास कर लड़कियों को उसके कपड़ों से ही जज करता है। सोशल मीडिया पर आये दिन ऐसे मामले सामने आते है जहाँ एक लड़की को उसके कपड़ों के वजह से अपने सोसाइटी में बड़ों से मोरल पोलिसिंग (moral policing) दी जाती है और अगर कोई इनके बनाये हुए ढांचे में "फिट" नहीं आये तो उनके बारे में गलत धारणा बनाने में भी ये समाज ज़्यादा वक़्त नहीं लगाता ।
इस देश में लड़की अगर 25 की उम्र के बाद भी कुंवारी है तो उसके लिए ये सबसे शर्मनाक बात होनी चाहिए। समाज के उस ढांचे के अंतर्गत ये सबसे अजीब ख्याल है । इन सब बातों से केवल हमारे आस-पास शिक्षा के आभाव का पता चलता है ।
1. ज़्यादा पढ़-लिख कर क्या करोगी तुम ?
एक पोस्टग्रेडुएशन (postgraduation) की छात्रा होने के कारण मैंने अपने आस-पास के कई लोगों की त्योरियां चढ़ते हुए देखी है जिन्हें मेरे आगे और पढ़ाई करने की सोच पे हैरत होती है । खासकर मुझसे एक पीढ़ी आगे के लोगों को हमेशा इस बात की चिंता मेरे माँ-बाप से ज़्यादा लगी रहती है की अगर मैं और आगे पढ़ाई जारी रखूंगी तो मेरी शादी कैसे होगी ।
2. लड़कियों वाली हरकतें करना कब शुरू करोगी ?
समाज की एक ही ढांचे में हर लड़की को डालने की दकियानूसी आदत तो बहुत पुरानी है और दुखद बात ये है कि इकीसवीं सदी में पहुँच जाने के बाद भीं ये समाज, विशेष कर लड़की से एक ही तरह के बर्ताव कि उम्मीद रखता है । ऐसी बातें कहने से केवल इस समाज में फैले अज्ञानता के अंधकार का ही पता चलता है । कुछ नया स्वीकार करने में भी इसलिए समाज को इतनी परेशानी होती है।
3. माँ-बाप ने बहुत छूट दे रखी है
आज के समय में आधुनिक विचारधारा को अपनाना सबके लिए आसान नहीं होता लेकिन अगर किसी भी माता-पिता ने इसको अपनाते हुए अपनी बेटी के हर फैसले में उसका समर्थन करे तो सबसे पहली बात जो ये समाज कहता है वो है कि उन्होंने बहुत छूट दे रखी है ।
4. ढंग के कपड़े पहना करो
इकीसवीं सदी में रहने के बावजूद आज भी ये समाज ख़ास कर लड़कियों को उसके कपड़ों से ही जज करता है। सोशल मीडिया पर आये दिन ऐसे मामले सामने आते है जहाँ एक लड़की को उसके कपड़ों के वजह से अपने सोसाइटी में बड़ों से मोरल पोलिसिंग (moral policing) दी जाती है और अगर कोई इनके बनाये हुए ढांचे में "फिट" नहीं आये तो उनके बारे में गलत धारणा बनाने में भी ये समाज ज़्यादा वक़्त नहीं लगाता ।
5. 30 से पहले शादी कर लेनी चाहिए
इस देश में लड़की अगर 25 की उम्र के बाद भी कुंवारी है तो उसके लिए ये सबसे शर्मनाक बात होनी चाहिए। समाज के उस ढांचे के अंतर्गत ये सबसे अजीब ख्याल है । इन सब बातों से केवल हमारे आस-पास शिक्षा के आभाव का पता चलता है ।