सावन का महीना बेहद पावन होता है। सावन के महीने में चारों और हरियाली और खुशियां छा जाती है। इस साल सावन माह की शुरुआत 14 जुलाई से हो गई थी। सावन का महीना भगवान शिव जी का महीना होता है। इस पावन महीने में लोग हर सोमवार शिव जी की पूजा आराधना करके उन्हें खुश करने की कोशिश करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि अगर इस महीने में सोमवार का व्रत रखें और शिवजी की आराधना करें तो शिव जी प्रसन्न होकर हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। सोमवार का दिन शिवजी का दिन होता है और सावन के महीने में यह दिन अत्यधिक शुभ हो जाता है।
इस दिन मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ होती है।
कब है आखिरी सावन सोमवार
इस साल के सावन माह का आखिरी सोमवार 8 अगस्त को पड़ेगा। सावन के पहले और आखिरी सोमवार का विशेष महत्व होता है। किसी भी शुभ अवसर की शुरुआत और उसका समापन बेहद ध्यान से किया जाना चाहिए। सावन के पहले सोमवार के दिन लोग विशेष पूजा करके शिव जी का स्वागत करते हैं।
सावन के आखिरी सोमवार के दिन लोग अपने व्रत का उद्यापन करते हैं और पूजा का समापन भी करते हैं।
समापन की विधि
सावन के आखिरी सोमवार को अगर आप व्रत रखते हैं तो इसका समापन करना भी जरूरी है। आपको सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर घर की साफ सफाई करके स्नान करना चाहिए। स्नान करने के बाद सफेद रंग के वस्त्र धारण करें और पूजा की शुरुआत करने से पहले पूजा स्थल को गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें।
पूजा स्थल में केले के चार टहनियां लेकर चारों ओर रखकर मंडप बनाएं। इसे फूलों और आम के पत्तों से सजाएं। अब आप पूर्व की दिशा में मुंह करके बैठे। आटे या हल्दी से रंगोली बनाएं और उसके बीच में एक पटरा रखे। अब इस चौकी पर शिव पार्वती की तसवीर या मूर्ति रखें और गंगाजल से पवित्र करे। अब उनके सामने आसन पर बैठकर मंत्रों का उच्चारण करे।