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Personal Growth: पर्सनल ग्रोथ के लिए बॉउन्ड्री बनाने के महत्व

वह कहते हैं ना कि हर चीज एक सीमा तक रहे तो अच्छी लगती है फिर चाहे रहे आपके व्यावसायिक जीवन में। सीमाएं बनाने का मतलब यह नहीं कि आप किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाएंगे बल्कि आप खुद के जीवन को सकारात्मक और पारस्परिक रखेंगे।

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Pratibha Murmu
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Setting Boundaries For Personal Growth And Well Being

Setting Boundaries For Personal Growth And Well Being (Image Credit: Pinterest)

Personal Growth: वह कहते हैं ना कि हर चीज से एक सीमा तक रहे तो अच्छी लगती है फिर चाहे यह आपके व्यावसायिक जीवन में हो या आपके निजी जीवन में। सीमाएं बनाने का मतलब यह नहीं कि आप किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाएंगे लेकिन सीमाएं बनाने का अर्थ यह भी है कि आप खुद के जीवन को सकारात्मक और पारस्परिक रखेंगे।

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पर्सनल ग्रोथ के लिए बॉउन्ड्री बनाने के महत्व 

कई व्यक्ति दूसरों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे इसलिए खुद की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। जैसे कि किसी व्यक्ति को दूसरों को ना बोलने में बहुत पीड़ा होती है। कई ऐसे व्यक्ति होते हैं जिन्हें दूसरों को ना बोलने में उनसे भी ज्यादा अधिक पीड़ा होती है। उदाहरण के तौर पर हमारे जीवन में कई बार ऐसी स्थिति आती है जब हम सामने वाले व्यक्ति को ना बोलना चाहते हैं लेकिन उनकी भावनाओं को ठेस न पहुंचे सिर्फ इसी कारण हम उन्हें हां कह देते हैं। सकारात्मक और महत्वपूर्ण सीमाएं निर्धारित न करने के कई कारण हो सकते हैं जैसे की आलोचना कब है दूसरों से नापसंद किए जाने का डर।

जीवन में यह स्मरण रखना अति आवश्यक है कि दूसरों की भावनाओं और दूसरों के सम्मान के साथ-साथ आपका आत्मविश्वास आपका आत्म सम्मान अति महत्वपूर्ण है। जिन चीजों के लिए आपका ना कहना आवश्यक है और आप ना कहना चाहते हैं लेकिन सिर्फ इसलिए कि दूसरे व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचेगी इस कारण से आप हां कह देते हैं लेकिन कभी-कभी कुछ लोग आपकी इस उदारता का अनुचित लाभ उठाने का प्रयास करते हैं। जब तक हम अपनी सीमाओं का आदर नहीं करेंगे जब तक हम खुद के आत्म सम्मान के लिए सकारात्मक सीमाएं नहीं बनाएंगे तब तक कोई और व्यक्ति भी हमारी भावनाओं एवं हमारे आत्मसम्मान का आदर नहीं करेगा।

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आपके जीवन में उचित सीमाएं ना बनाने के कारण दूसरे मनुष्य आपका निराधार करेंगे और आपके आत्म सम्मान के लिए जरा भी सचेत नहीं रहेंगे। उचित सीमा निर्धारित करने का अर्थ है ना ही दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना और अपने आत्मसम्मान और अपने  आत्मविश्वास की रक्षा भी करना जब आप मनुष्य के अनुचित व्यवहार को भी शांत होकर देखते रहते हैं और अपने लिए आवाज नहीं उठाते तब कुछ लोग आपकी इसी उदारता और अच्छाई का फायदा उठाते हैं। जो मनुष्य कभी अपनी गलती नहीं मानता और हमेशा हर चीज के लिए आपको दोषी ठहरता है उसे मनुष्य से आपको दूर रहना ही आवश्यक है। स्वस्थ एवं सकारात्मक सीमाएं न बनने से मनुष्य को बहुत हानि हो सकती है लेकिन अगर आप एक सकारात्मक सीमा बनाते हैं अपने खुद के आत्मविश्वास और खुद के सम्मान के लिए तो आपसे इसको आने को लाभ हो सकते हैं।

1. स्वस्थ सीमाएं आपको अपने निजी जीवन में और व्यावसायिक जीवन में भी लाभकारी होगी

2. आप उचित सीमाएं बनाकर अपने आत्मविश्वास और सम्मान की रक्षा करते हैं

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3. भविष्य में होने वाले मतभेद से स्वस्थ और सकारात्मक सीमाएं आपकी रक्षा करती हैं

4.  जो व्यक्ति उचित सीमाओं का निर्माण करता है उसे व्यक्ति की लोग हमेशा इज्जत करते हैं

5. सीमाएं बनना आपका मानसिक स्वास्थ्य के लिए अति महत्वपूर्ण है

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6.  उचित सीमाएं जो व्यक्ति निर्धारित करता है उसकी बात हर मनुष्य ध्यान से सुनता है समझता है

सीमा बनाने से आपका मानसिक शारीरिक और भावनात्मक  स्वास्थ्य सकारात्मक रहेगा। उचित सीमा निर्धारित करना हमें हमारे और हमारे रिश्तों के लिए आने वाले भविष्य में महत्वपूर्ण साबित होगी। सीमाओं का निर्माण करना उचित समय पर ना बोलना आपको आत्मविश्वास और हिम्मत प्रदान करेगा और दूसरों को यह भी सिखाएगा कि वह किसी भी कारण वर्ष आपके साथ गलत और अनुचित व्यवहार नहीं कर सकते।

सूचना : इस आलेख को केवल संपादित किया गया है। मौलिक लेखन नेहा का है।

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