Online Sexual Exploitation: जानिए ऑनलाइन यौन शोषण की सच्चाई क्या है?

आज के डिजिटल युग में इंटरनेट ने हमारे जीवन को कई तरीकों से आसान और सुविधाजनक बना दिया है। लेकिन इसके साथ साथ इंटरनेट पर बढ़ते अपराधों की संख्या भी चिंता का विषय बनती जा रही है।

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Sanya Pushkar
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Online Safety

Photograph: (Freepik)

Online Sexual Exploitation Sexual Abuse on the Internet: आज के डिजिटल दौर में इंटरनेट ने हमारी ज़िंदगी को कई तरीकों से आसान और आरामदायक बना दिया है। लेकिन जैसे-जैसे इसका इस्तेमाल बढ़ा है, इंटरनेट पर होने वाले अपराध भी तेजी से बढ़े हैं। इन्हीं में से एक बहुत ही गंभीर समस्या है ऑनलाइन यौन शोषण। यह ऐसा अपराध है जिसमें इंटरनेट का इस्तेमाल करके खासतौर पर महिलाओं और बच्चों को मानसिक, भावनात्मक या यौन रूप से परेशान किया जाता है। सोशल मीडिया, चैटिंग ऐप्स, वीडियो कॉल और दूसरे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इस शोषण के ज़रिए बनते जा रहे हैं। इस निबंध में हम जानेंगे कि ऑनलाइन यौन शोषण क्या है, इसके अलग-अलग रूप कौन से हैं, इसका लोगों पर क्या असर होता है, इसे रोकने के क्या तरीके हो सकते हैं और इससे जुड़े कानून क्या कहते हैं।

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जानिए ऑनलाइन यौन शोषण की सच्चाई क्या है?

1. भूमिका

आज के डिजिटल युग में इंटरनेट हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन चुका है। शिक्षा मनोरंजन जानकारी और संवाद के लिए इंटरनेट का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते है, वैसे ही इंटरनेट के फायदों के साथ साथ इसके कई नुकसान भी हैं। इन्हीं में से एक गंभीर समस्या है ऑनलाइन यौन शोषण। यह एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति विशेषकर बच्चों और महिलाओं को इंटरनेट के माध्यम से मानसिक भावनात्मक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।

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2. ऑनलाइन यौन शोषण के प्रकार

ऑनलाइन यौन शोषण कई रूपों में सामने आता है। इनमें सोशल मीडिया पर अश्लील संदेश भेजना फर्जी पहचान बनाकर ब्लैकमेल करना निजी तस्वीरें या वीडियो वायरल करने की धमकी देना बच्चों से अनुचित बातें करना और पोर्नोग्राफिक कंटेंट साझा करना शामिल है। कुछ मामलों में पीड़ित को पैसे या अन्य लाभ के लिए मजबूर किया जाता है जिसे कहा जाता है।

3. बच्चों और किशोरों पर प्रभाव

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ऑनलाइन यौन शोषण का सबसे अधिक प्रभाव बच्चों और किशोरों पर पड़ता है। ये उम्र के उस दौर में होते हैं जहाँ वे भावनात्मक रूप से संवेदनशील और इंटरनेट पर अधिक सक्रिय रहते हैं। शोषण के बाद पीड़ित बच्चों में आत्मविश्वास की कमी मानसिक तनाव अवसाद और आत्महत्या जैसे गंभीर परिणाम देखे जाते हैं। कई बार डर और शर्म के कारण वे अपने माता-पिता या शिक्षक से भी कुछ नहीं कह पाते।

4. रोकथाम और सावधानियाँ

इस समस्या से निपटने के लिए सरकार समाज और परिवार तीनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इंटरनेट उपयोग के दौरान बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखना उन्हें साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और खुला संवाद बनाए रखना आवश्यक है। इसके साथ ही मजबूत पासवर्ड गोपनीयता सेटिंग्स और संदिग्ध लिंक या अजनबियों से बातचीत से बचाव जैसी तकनीकी सावधानियाँ भी जरूरी हैं।

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5. कानून और समाज की भूमिका

भारत में ऑनलाइन यौन शोषण को रोकने के लिए कई कानून बनाए गए हैं जैसे कि आईटी एक्ट दो हजार पॉक्सो एक्ट दो हजार बारह आदि। साइबर क्राइम सेल और हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। समाज को भी इस विषय पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए ताकि पीड़ित डर और शर्म के बंधन से बाहर निकल सकें और दोषियों को सजा मिल सके।

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