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STDs in women : महिलाओं में STD (सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीसिस) से जुड़ी जानकारी

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Swati Bundela
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हम सभी जानते हैं कि सेक्स के दौरान कई सारी बीमारियां भी हम लोगों में ट्रांसफर कर सकते हैं जिसके लिए हमें अपनी उनकी प्रोटेक्शन के लिए कांट्रेसेप्शन का इस्तेमाल करना चाहिए। तो आइए जानते हैं महिलाओं में STD सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिसीसिस से जुड़ी जानकारी:

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महिलाओं में STD और STI लक्षण



एसटीडी का खतरा वेजाइनल एनल या फिर और असफल कांटेक्ट से हो सकता है। महिलाओं में एसटीडी होने के लक्षण कुछ इस प्रकार होते हैं -

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  • वेजाइनल इचिंग या वजाइना में खुजली


  • वजाइना के आसपास रैशेज होना


  • अलग प्रकार का डिस्चार्ज हो


  •  पेशाब या सेक्स के दौरान दर्द


  • पेशाब के रंग का बदलना या फिर उसका बार बार आना


  • अबनॉरमल ब्लीडिंग होना




कई सारे STI के सिम्टम्स देखने को नहीं मिलते हैं लेकिन फिर भी वह सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं।

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महिलाओं में सामान्य STIs और STDs





  • एचपीवी (HPV)


  • गोनोरिया (gonorrhea)


  • Chlamydia


  • Herps


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औरतों में बहुत जल्दी होने वाले STIs में से एक है एचपीवी। यह सर्विकल कैंसर होने का मुख्य कारण हो सकता है।

महिलाएं STIs और STDs से कैसे बच सकती हैं

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1. निरंतर टेस्ट कराते रहें



महिलाएं कोशिश करें कि हर 3 से 5 सालों में अपने वेजइना का टेस्ट कराती रहें जिससे उन्हें STI या फिर
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STD के होने का पता भी चलेगा और अपने वेजाइना को हेल्दी रखने के लिए टिप्स भी मिलती रहेंगी।



अगर आप सेक्सुअली एक्टिव हैं तो अपने डॉक्टर से निरंतर कांटैक्ट में रहें।
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2. प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें



हमेशा सेक्स के दौरान प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें। चाहें सेक्स वजाइनल हो, एनल हो या ओरल, प्रोटेक्शन का ख़ास ख्याल रखें।



बर्थ कंट्रोल पिल आपको प्रेग्नैंसी से बचाती हैं ना कि STI और STDs से इसलिए सेक्स के दौरान पार्टनर  को कंडोम पहनने के लिए कहें और चाहें तो फीमेल कंडोम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

3. बात करें



बात करना हर समस्या को किसी हद तक सुलझा सकता है इसलिए अपने डॉक्टर और पार्टनर के साथ अपनी सेक्सुअल हिस्ट्री के बारे में आराम से और खुल कर बात करें।
सेहत
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