Shawarma: दुनिया का सबसे बेहतरीन सैंडविच, जानिए इसका इतिहास और सफर

Shawarma को Taste Atlas ने दुनिया का सबसे बेहतरीन सैंडविच करार दिया है। जानिए इसके लेवेंट से लेकर ग्लोबल फूड बनने तक की पूरी कहानी, इतिहास, और दिलचस्प सफर।

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Vaishali Garg
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Shawarma/ Pinterest

Photograph: (Shawarma/ Pinterest)

शावरमा, जो एक लोकप्रिय मध्य पूर्वी स्ट्रीट फूड है, को हाल ही में Taste Atlas द्वारा दुनिया का सबसे बेहतरीन सैंडविच करार दिया गया है। यह स्वादिष्ट व्यंजन अपने लाजवाब मसालों, पारंपरिक विधियों और अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता के कारण दुनियाभर में मशहूर हो चुका है। आइए जानते हैं इसके इतिहास, विकास और विभिन्न वेरिएशन्स के बारे में।

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Shawarma: दुनिया का सबसे बेहतरीन सैंडविच, जानिए इसका इतिहास और सफर

शावरमा की शुरुआत: कहां से आया यह स्वादिष्ट व्यंजन?

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शावरमा की जड़ें लेवेंट क्षेत्र (वर्तमान में लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और तुर्की के कुछ हिस्सों) में पाई जाती हैं। इसकी उत्पत्ति 18वीं और 19वीं सदी में हुई, जब मेमने या मटन को मसालों में मैरीनेट कर उसे धीरे-धीरे vertical rotisserie पर पकाया जाता था।

तुर्की भाषा में "शावरमा" का मतलब turning यानी घूमना होता है। इसका नाम इस प्रक्रिया से पड़ा, जिसमें मांस को एक rotating spit पर धीरे-धीरे भूनकर पकाया जाता है। इस विधि से मांस अपने ही रस में पकता है, जिससे इसका स्वाद और भी शानदार हो जाता है। समय के साथ, यह डिश मध्य पूर्वी व्यंजनों का अहम हिस्सा बन गई।

शावरमा को लोकप्रिय बनाने में सिल्क रोड का योगदान

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शावरमा की प्रसिद्धि Silk Road (रेशम मार्ग) के जरिए बढ़ी, जो एशिया और यूरोप को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग था। व्यापारी और यात्री अपने साथ न केवल वस्त्र और मसाले लाते थे, बल्कि भोजन और खाना पकाने की विधियां भी साझा करते थे।

शावरमा पर तुर्की के डोनर कबाब (Doner Kebab) का गहरा प्रभाव पड़ा। डोनर कबाब की vertical grilling तकनीक ने शावरमा के पकाने के तरीके को नया रूप दिया। बाद में यह तकनीक पूरे मध्य पूर्व और यूरोप में फैल गई और शावरमा वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने लगा।

कैसे बना शावरमा ग्लोबल फूड आइटम?

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20वीं सदी में, शावरमा को अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता मिली, खासतौर पर प्रवासियों और वैश्वीकरण के चलते। जैसे-जैसे मध्य पूर्वी लोग न्यूयॉर्क, पेरिस, लंदन और अन्य बड़े शहरों में बसने लगे, उन्होंने अपनी पारंपरिक खाद्य संस्कृति को भी साथ ले गए।

1970 के दशक में, जब शावरमा को mechanized rotisserie की मदद से पकाने की सुविधा मिली, तब यह fast food के रूप में और भी लोकप्रिय हो गया। अपने बेहतरीन स्वाद, आसान उपलब्धता और किफायती कीमत के कारण यह जल्दी ही दुनिया के सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड में से एक बन गया।

शावरमा के विभिन्न प्रकार और विविधताएं

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समय के साथ शावरमा के स्वाद और रूप में कई बदलाव हुए, जिससे विभिन्न देशों में इसे अपनी अनूठी पहचान मिली। कुछ लोकप्रिय वेरिएशन्स हैं:

चिकन शावरमा: परंपरागत रूप से शावरमा में मेमना या बीफ इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब कई जगहों पर chicken shawarma अधिक पसंद किया जाता है। इसे जीरा, पपरिका, लहसुन और अन्य मसालों के साथ मैरीनेट किया जाता है।

सॉस और टॉपिंग्स: शावरमा को और स्वादिष्ट बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की सॉस और टॉपिंग्स जोड़ी जाती हैं, जैसे ताहिनी (tahini), गार्लिक सॉस, अचार, ताजी जड़ी-बूटियां और यहां तक कि फ्रेंच फ्राइज़ भी।

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शावरमा टैकोस: कुछ जगहों पर इसे पिटा ब्रेड की बजाय tortillas में परोसा जाता है, जिससे यह Middle Eastern & Mexican Fusion का एक बेहतरीन उदाहरण बन जाता है।

शावरमा: सिर्फ एक स्ट्रीट फूड नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक धरोहर

शावरमा सिर्फ एक डिश नहीं, बल्कि एक इतिहास, संस्कृति और खानपान की विविधता का प्रतीक है। यह विभिन्न संस्कृतियों को जोड़ने वाला एक स्वादिष्ट पुल है, जो हर किसी की प्लेट में अपनी जगह बना चुका है।

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आज यह न केवल मध्य पूर्व बल्कि यूरोप, अमेरिका, एशिया और भारत में भी बेहद लोकप्रिय है। शावरमा का सफर हमें दिखाता है कि कैसे एक साधारण स्ट्रीट फूड पूरे विश्व में सबसे बेहतरीन सैंडविच का खिताब जीत सकता है!