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एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्टर रहते हुए उन्होंने विदेश में फंसे हुए बहुत सारे लोगों की मदद की और उन्हें सही सलामत भारत वापस लाने में कामयाब रही। इसी कारण वो लोगों में काफी लोकप्रिय भी रही। सुषमा स्वराज के इस अपनेपन से व्यवहार के कारण जनता उनसे काफी जुडी हुई थी। सुषमा भी लोगों की अपनी होने के कारण हर समय सभी की मदद के लिए तत्पर रहती थी। पूरी दुनिया में जहाँ भी भारतीय फंसे होते थे बस एक गुहार से अपने वतन वापस लौटने की उम्मीद को जगाये रखते थे और सुषमा स्वराज उनकी उम्मीद पर हमेशा खरी उतरती थी।
सुषमा स्वराज के बारे में दस लाइफ फैक्ट्स
आज उनकी पहली पुण्यतिथि पर हम जानेंगे उनके बारे में कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स।
- सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अम्बाला में हुआ था।
- उन्होंने सनातन धर्म कॉलेज अम्बाला से संस्कृत और पोलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया था।
- उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से लॉ की पढ़ाई की।
उन्होंने एक स्टेट लेवल कम्पटीशन में तीन साल तक बेस्ट हिंदी स्पीकर का पुरुस्कार जीता।
- उन्होंने 1973 में सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट के रूप में अपनी लॉ प्रैक्टिस शुरू की।
- उन्होंने अपना पोलिटिकल करियर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के साथ 1970 में शुरू किया था।
- वो दिल्ली की चीफ मिनिस्टर बनने वाली पहली महिला थी ।
- वो काफी समय तक इनफार्मेशन और ब्राडकास्टिंग मिनिस्टर भी रही थी।
- 2003 में सुषमा हेल्थ और फॅमिली वेलफेयर मिनिस्टर भी रही थी।
- 2014 -2019 तक सुषमा एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्टर थी।
- सुषमा स्वराज को 2019 में पद्मा विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
सुषमा स्वराज ने देश के प्रति अपने फ़र्ज़ को बखूभी निभाया और अपने राजनीतिक करियर में उन्होंने बार -बार यह साबित किया की महिलाएं किसी से कम नहीं है। सुषमा भारत की महिलाओं की प्रगति के लिए एक बेहतरीन उदहारण हैं। राजनीती के आलावा भी सुषमा ने महिला सशक्तिकरण जैसे कई सामाजिक मुद्दों पर देश वासियों को प्रेरित किया है।
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