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1. पॉजिटिव रहना है सबसे जरुरी
हर इंसान की लाइफ में परेशानियां और दिक्कतें आती हैं लेकिन अगर हम पॉजिटिव रहना सीखलें तो वो थोड़ी आसान हो जाती हैं और हम उनसे आसानी से लड़ पाते हैं। ज़िन्दगी में सुख और दुःख तो आम बात होती है पर अगर इंसान हर परिस्तिथि में खुद को पॉजिटिव खुश रहना सीख ले तो उस व्यक्ति की आधी परेशानियां कम हो जातीं हैं। बच्चों को खुश रहना सिखाने के लिए परिस्तिथि चाहें कैसी भी हो उस का नेगेटिव साइड को हमेशा स्ट्रेंग्थ के जैसे देखना चाइए।
2. ग्रॅटीट्यूट है जरुरी
ग्रटिटूड मतलब होता है आभार व्यक्त करने वाला व्यक्ति या ऐसा व्यक्ति जिसमे घमंड न हो और जो दरों को नीचे न दिखाता हो। बच्चों को हर चीज़के लिये थैंकफुल होना सिखाएं उन्हें बताएं की गॉड को हर रोज कैसे थैंक करें इस सुन्दर लाइफ को देने के लिए।
3. इमोशनली स्ट्रांग बनना सिखाएं
जब सेल्फ-कंट्रोल से माइंड स्ट्रांग हो जाएगा उसके बाद जरुरत होती है इमोशनली स्ट्रांग बनने की। हम इंसानों के कई रिश्ते और सम्बंद होतें हैं और ज्यादातर लोग इसलिए दुखी होतें हैं क्योंकि कभी उन के पेरेंट्स के साथ दिक्कतें होतीं हैं कभी दोस्तों के साथ तो कभी लाइफ पार्टनर के साथ। इन सबको लेकर अगर माइंड स्ट्रांग रहे तो कम परेशानी होती है और इंसान हैप्पी यानि खुश और स्ट्रांग रहता है।
4. एक्सपेक्टेशंस कम रखना क्यों होता है जरुरी ?
इंसान दुखी तभी होता है जब वो चीज़ों को जैसा सोचता है चीज़ें उस हिसाब से नहीं होती। वो किसी इंसान या सिचुएशन मे जैसा होने का सोच रहें होते हैं उस सोच को एक्सपेक्टेशन कहतें हैं इसलिए बच्चे को सिखाएं की उनकी लाइफ का सबसे इम्पोर्टेन्ट पर्सन या चीज़ वो खुद होतें हैं।