Pregnancy Tests: अल्ट्रासाउंड से लेकर नॉनस्ट्रेस टेस्ट तक करवाएं प्रेगनेंसी में

प्रेगनेंसी में माँ और बच्चे, दोनों का खास ख्याल रखना बहुत जरुरी है। जब बच्चा माँ की कोख में होता है तो और भी ज्यादा सावधानी बरतने की जरुरत होती है। जानिए हैल्थ ब्लॉग के जरिए कौन से टेस्ट जरूरी है प्रेगनेंसी में करवाने

Aastha Dhillon
09 Feb 2023
Pregnancy Tests: अल्ट्रासाउंड से लेकर नॉनस्ट्रेस टेस्ट तक करवाएं प्रेगनेंसी में Pregnancy Tests: अल्ट्रासाउंड से लेकर नॉनस्ट्रेस टेस्ट तक करवाएं प्रेगनेंसी में

Pregnancy Tests

Pregnancy Tests: प्रेगनेंसी के नौ महीने हर महिला के लिए बेहद मुश्किल भरे होते हैं और बेहद लंबे लगते हैं लेकिन बच्चे के आने के बाद वो सारे चुनौती भरे दिनों का इनाम मिलता है। इन नौ महीनों में एक प्रेग्नेंट महिला को कई टेस्ट करवाने पड़ते हैं को महिला के स्वास्थ्य और बच्चे की सेहत के लिए जरूरी होते हैं। टेस्ट करवाना जरूरी होता है ताकि आगे जाकर कोई जटिलताएं बढ़ ना जाए और शिशु को कोई दिक्कत ना हो। 

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जरूर करवा लें यह प्रेगनेंसी टेस्ट- 

1.प्री-नेटल टेस्ट 

प्रेगनेंसी के शुरूआती तीन महीनों में कुछ जरुरी टेस्ट किये जाते हैं, जिससे बेबी की ग्रोथ का पता चलते रहे। इसे प्री-नेटल टेस्ट कहते हैं। ये दो तरह का होता है- पहला स्क्रीनिंग टेस्ट, इसमें क्रोमोसोम का पता लगाया जाता है और कुछ blood test जिसका निर्णय डॉक्टर खुद लेते हैं। इसमें दूसरा टेस्ट होता है, डायगोनस्टिक टेस्ट, इसमें ये पता लगाया जाता है कि फ़ीटस में किसी तरह का विकार तो नहीं है। कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (CVS) और दूसरा एमनियोसेंटेसि, इन टेस्ट से बच्चे के किसी तरह के विकारों का पता लगाया जाता है। 

2. एमनियोटिक टेस्ट 

इस टेस्ट में डॉक्टर एमनियोटिक द्रव का एक छोटा-सा नमूना लेते हैं। एमनियोटिक तरल पदार्थ से भरी एक थैली होती है, जिसमें बेबी सुरक्षित रहता है। यह परीक्षण गुणसूत्र समस्याओं का निदान करने और (NTDs) पता लगाने के लिए किया जाता है।

3. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

प्रेगनेंसी के दूसरे ट्रिमेस्टर के बाद एक अल्ट्रासाउंड किया जाता है, जिससे डॉक्टर बेबी के सभी बॉडी पार्ट्स की अच्छे से जाँच करता है। इसमें भ्रूण के सिर से लेकर पैर तक को चेक किया जाता है। इस अल्ट्रासाउंड में बेबी के आँख,नाक,हाथ और पैर सब आसानी से देखे जा सकते हैं।

4. ग्लूकोस स्क्रीनिंग टेस्ट (Glucose Screening Test)

प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज की जांच के लिए ग्लूकोज स्क्रीनिंग टेस्ट किया जाता है। यह ग्लूकोज स्क्रीनिंग टेस्ट हर प्रेग्नेंट महिला के लिए कम्पलसरी होता है, भले ही प्रेगनेंसी के पहले आपको डायबिटीज की समस्या रही हो या फिर नहीं रही हो। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान गर्भावधि मधुमेह यानि जेस्टेशनल डायबिटीज होने की आशंका बनी रहती है।

5. नॉनस्ट्रेस टेस्ट (Non Stress Test)

इस टेस्ट के जरिए बेबी की हार्ट रेट और स्वास्थ्य की जांच की जाती है। नॉनस्ट्रेस टेस्ट (NST) तब किया जाता, जब पेट में बेबी की हलचल सामान्य हो या फिर प्रेग्नेंट महिला की डिलीवरी डेट निकल गई हो और delivery pain न शुरू हुई हो। अगर कोई प्रेग्नेंट महिला अधिक जोखिम में है, तो यह टेस्ट हर हफ्ते किया जा सकता है। 


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