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(Image credit: Pinterest)
Dhanteras: धनतेरस, जिसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली महोत्सव का पहला दिन होता है। यह पर्व धन और समृद्धि के साथ-साथ भगवान धन्वंतरि की आराधना का प्रतीक है। धनतेरस का महत्व भारतीय संस्कृति में अत्यधिक है और यह विशेष रूप से व्यापारी वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है।
धनतेरस धन और समृद्धि का पर्व
धनतेरस की कथा का आरंभ त्रेतायुग से होता है। उस समय, देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन का आयोजन किया गया। इस मंथन से कई अमूल्य रत्नों और वस्तुओं का जन्म हुआ, जिनमें से एक थे भगवान धन्वंतरि। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता माने जाते हैं और उनके हाथ में अमृत का कलश था। जब असुरों ने देखा कि भगवान धन्वंतरि अमृत लेकर आए हैं, तो उन्होंने उसे छीनने का प्रयास किया। लेकिन भगवान धन्वंतरि ने अमृत का कलश सुरक्षित रखा।
धनतेरस का एक अन्य महत्व यह है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन नए बर्तन खरीदने की परंपरा है, जो समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माने जाते हैं। लोग इस दिन सोने, चांदी और अन्य कीमती धातुओं की खरीदारी करते हैं, जिससे धन की प्राप्ति और समृद्धि की कामना की जाती है।
इस दिन का एक महत्वपूर्ण रिवाज है 'धनतेरस पूजन', जिसमें लोग घर के दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं और दीप जलाते हैं। इस दिन को मनाने का उद्देश्य धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करना और उन्हें अपने घर में आमंत्रित करना होता है। लोग विशेष रूप से इस दिन अपने पुराने बर्तनों को नए बर्तनों से बदलते हैं, जो आर्थिक समृद्धि और विकास का प्रतीक होता है।
किसी समय में, एक राजा थे जिनका नाम हिमाचल था। उनकी पत्नी, जो बहुत सुंदर थी, अचानक बीमार हो गई। राजा ने पूरे राज्य में किसी भी उपाय से अपनी पत्नी को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी उपाय सफल नहीं हुआ। अंत में, राजा ने एक महान आयुर्वेदिक चिकित्सक, भगवान धन्वंतरि को बुलाने का निर्णय लिया। भगवान धन्वंतरि ने अपनी चिकित्सा से रानी को स्वस्थ किया और राजा को धन और समृद्धि की प्राप्ति का उपाय बताया। इस घटना के बाद, धनतेरस को भगवान धन्वंतरि के प्रति आभार प्रकट करने के लिए मनाया जाने लगा।
धनतेरस का पर्व न केवल धन की पूजा का अवसर है, बल्कि यह एक ऐसा समय है जब लोग एक-दूसरे के साथ प्रेम और संबंधों को मजबूत करते हैं। इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को उपहार देकर उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।
धनतेरस का पर्व आधुनिक समय में भी अपनी प्रासंगिकता बनाए रखता है। लोग इस दिन विभिन्न तरह के व्यापारिक छूट और ऑफ़र का लाभ उठाते हैं। उपहारों के साथ-साथ, यह दिन उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे हैं। इस दिन को मनाने से उन्हें नए अवसरों और समृद्धि की प्राप्ति की उम्मीद होती है।
इस प्रकार, धनतेरस का पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह मानव जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि का संदेश भी देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि धन और संपत्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण है उन संबंधों का सम्मान करना जो हमें मजबूत बनाते हैं।