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इन 4 चीजों से नहीं होता महिलाओं का चरित्र डिफाइन

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Swati Bundela
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कोई भी छोटी बात हो औरतों के चरित्र पर बात पहले उठ जाती हैं। समाज के हिसाब से अगर रात बाहर निकले तो लड़की का चरित्र खराब है। लड़के से बात करें तो लड़की का चरित्र खराब है, बात कोई भी हो आती लड़कीयों पर ही है।‌ यहां तक कि लड़कियां खुद भी दूसरी लड़कियों के चरित्र पर सवाल उठाती हैं कि लड़की ने कितने कपड़े पहने है या वह कितनी आउटस्पोकन है। लेकिन हम जिस चीजों के लड़कियों को जज करते हैं, वही चीजें लड़के भी करते हैं। तो सिर्फ सवाल लड़कियों पर ही क्यों ? अपने लिए आवाज उठाना या अपने मनपसंद कपड़े पहनना गलत तो नहीं है। महिलाओं का चरित्र

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1. कपड़े



कपड़े पहनने से किसी भी लड़की का चरित्र कैसे निर्धारित किया जा सकता है। छोटे कपड़े तो लड़के भी पहनते हैं तो इस हिसाब से उनका चरित्र भी खराब है। वहीं अगर बात रेप की की जाए तो पैदा हुई 8 महीने की बच्ची के साथ भी रेप होता है और 80 उम्र की बूढ़ी औरत के साथ भी होता है। रेप बुर्का और सूट पहनने वाली औरत के साथ भी होता है। इसलिए कपड़ों के आधार पर किसी भी लड़की का चरित्र डिफाइन करना गलत है। कपड़े लड़कीयों का चरित्र नहीं बताते हैं।

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2. आपको दूसरों ने कैसे ट्रीट किया है



आपको दूसरे लोग कैसे ट्रीट करते हैं इससे आपका चरित्र तो बिल्कुल डिफाइन नहीं होता है। अगर आप किसी अबूसिव रिलेशनशिप में थी तो इसमें आपकी क्या गलती है। वही आपके साथ रिलेशनशिप में रह कर जो गलत हुआ उसके लिए आवाज उठाने से भी कोई करैक्टर लेस नहीं होता है। गलत के खिलाफ आवाज उठाने से यह दर्शाता है कि आप कितनी स्ट्रांग है ना कि करैक्टर लेस।

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3. कितनों के साथ आप सोए हो



अगर आप कई लोगों साथ सेक्स करके एक्सपीरियंस लेते हो तो यह बिल्कुल भी गलत नहीं है। कई लोगों के साथ आप सेक्स कर चुके हो ये आपको कम रिस्पेक्टबल नहीं बनाता है। जरूरी नहीं कि आपका पहला रिलेशनशिप सही नहीं हुआ तो आप उसके अलावा किसी और के साथ सेक्स नहीं कर सकती हो।
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4. ऑक्युपेशन



आप जो भी काम करते हो जिसमें आपको छोटे कपड़े पहने हो या आउटस्पोकन हो। तो इससे आपका करैक्टर जज नहीं किया जा सकता है। सभी को अपने प्रोफेशन चूस करने का हक है और वह जो चाहे काम कर सकते हैं।



महिलाओं का चरित्र
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