Top 5 Intellectual Ancient Indian Women: भारतीय महिलाओं को त्याग की प्रतिमूर्ति कहा जाता है जो अपने परिवार के लिए हर कष्ट सहकर भी अपने चेहरे पर मुस्कुराहट कायम रखतीं हैं। पर क्या आप जानते हैं, प्राचीन भारत में कुछ ऐसी महिलाएँ भी हुई जिन्होंने अपना पूरा जीवन ज्ञान की गहराइयों में बिताया। इनमें से कईं स्त्रीयां ब्रह्मवादिनी कहलाईं, लेकिन आज के आधुनिक जगत में इनकी कहानियां कहीं खो सी गई हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में।
प्राचीन भारत की पांच बुद्धिजीवी महिलाएं
1. अपाला
भयंकर त्वचा विकार के कारण अपाला को उनके पति ने त्याग दिया था। लेकिन उन्होने हार नहीं मानी, बल्कि जीवन का पूरा बल आत्मिक ज्ञान को अर्जित करने में लगाया। वे समाज में ब्रह्मवादिनी कहलाईं और, साथ ही में अन्य महिलाओं को जागृत भी किया। कहा जाता है कि अपाला का रोग समय के साथ ठीक हो गया था, और जब उनका पति उन्हें वापस लेने आया तो वे उनके साथ जाने के लिए साफ मना कर देतीं हैं।
2. गार्गी वाचक्नवी
महाराजा जनक के दरबार में बुद्धिजीवियों का आना-जाना आम बात थी। लेकिन एक ऐसी सभा जो अमर हो गई वो थी ब्रह्मवादिनी गार्गी वाचक्नवी और उनके पति ऋषि याज्ञवल्क के बीच हुए तर्क-वितर्क की। इस सभा में 7 पुरुष और केवल एक महिला—गार्गी—उपस्थित थे जिसमें गार्गी ने तर्क-वितर्क के धुरंदर याज्ञवल्क जी को लगभग निरुतार कर दिया था। हलांकि इस बहस में याज्ञवल्क जीत गए, लेकिन गार्गी एक बुद्धिजीवी महिला के रूप में प्रसिद्घ हुईं।
3. मैत्रेयी
ऋषिका मैत्रेयी का वर्णन बृहदारण्यक उपनिषद् में आता है। मैत्रेयी अद्वैत की प्रचारक रहीं और फिलोसोफी के कईं विषयों को दुनिया के सामने लाकर रख दिया। ऐसा कहा जाता है कि मैत्रेयी ने अपना पूरा जीवन संसार के सत्य को खोजने में लगाया, जो प्राचीन भारत की महिला शिक्षा पद्धति को दर्शाता है।
4. लोपामुद्रा
ललिता सहस्रनाम (दिव्य मां के हजारों नाम) की रचियता के रूप में प्रसिद्ध होने वाली लोपामुद्रा, प्राचीन भारत की एक कौशल और बुद्धिमत्ता स्त्री थीं। कहा जाता है ऋषि अगस्त्य की पत्नी लोपामुद्रा में हर जीव के बेहतरीन रूप थे जो उन्हें बहुत खूबसूरत बनाते थे।
5. द्रौपदी
द्रौपदी को कौन नहीं जानता! द्रौपदी केवल पांच पतियों की बीवी नहीं थी, बल्की एक अच्छी महिला राजनीतिज्ञ भी थीं। कदम-कदम पर उन्होनें अच्छे सलाहकार और एक विवेकी स्त्री होने का प्रमाण भी दिया।
ये महिलाएं हमारे इतिहास से कहीं खो न जाएं, इसलिए इनसे हमे प्रेरणा लेनी चाहिए। जहां आज समाज के दायरों को ही एक भारतीय स्त्री अपनी किस्मत समझती है, वहां कईं हराजों साल पहले इन महिलाओं ने अपनी बुद्धि की कुशलता से अपनी पहचान बनाई।