Types of orgasms: क्या आप जानते हैं की ओर्गास्म के कई प्रकार होते हैं? अगर आप ओर्गास्म के सभी प्रकार की अच्छी जानकारी रखते हैं और जानते है की उन्हें कैसे उत्पन किया जा सकता है तो यह आपके सेक्स( sex ) के अनुभव को और भी रोमांचक बनाता है। आपको बता दें कि और कैसन सेक्सुअल हेल्थ( sexual health) के लिए भी बहुत बेनिफिशियल होता है। आज हम आपको ओर्गास्म के अलग अलग प्रकार की जानकारी इस लेख में देने वाले हैं।
क्या होता है ओर्गास्म?
ओर्गास्म यौन तनाव का एक सुखद अनुभव है। ओर्गास्म आपको आनंद की एक परम अनुभूति देता है। जब आप शारीरिक संबंध के दौरान इजाकुलेशन की स्टेज पर आ जाते हैं तब आप ओर्गास्म का अनुभव करते हैं। चाहे पुरुष हों या महिला, सही प्रकार की यौन उत्तेजना और अंतरंग स्पर्श के साथ अत्यधिक ओर्गास्म का अनुभव संभव है। पुरूष और महिला दोनों के लिए ओर्गास्म की अत्यधिक सीमा पर पहुंचना और अनुभव करने का प्रोसेस अलग अलग है। इसलिए सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि आप इस उत्तेजना के अत्यधिक चरम पर कैसे और किस प्रकार पहुंचते हैं। ओर्गास्म मुख्य रूप से छः प्रकार के होते हैं।
1. क्लिटोरल ओर्गास्म
क्लिटोरिस महिलाओं के शरीर में पाया जाने वाला छोटा सा हिस्सा होता है। यह योनी के ऊपर मौजूद होता है। इसे अधिक रगड़ने या बार बार छूने से यह गीला हो जाता है। आप इस प्रकार के ओर्गास्म को शरीर की सतह पर, आपकी त्वचा पर और आपके मस्तिष्क में महसूस कर सकते हैं।
2. एनल ओर्गास्म
प्रोस्टेट ग्रंथि की उपस्थिति के कारण एनल ओर्गास्म ज्यादातर पुरुषों में पाया जाता है। लेकिन एनस के आस पास तेजी से रगडने या उत्तेजना के साथ छूने पर इसे कोई भी प्राप्त कर सकता है।
3. वजाइनल ओर्गास्म
यह ओर्गास्म शरीर में गहराई तक महसूस किया जा सकता है। जब शरीर में G-spot उत्तेजित होता है तो ओर्गास्म की अत्यधिक सीमा पर पहुंचने के बाद इजाकुलेशन होता है।
4. कोम्बो ओर्गास्म
जब योनि और क्लिटोरिस को एक ही समय में उत्तेजित किया जाता है तो इस कारण सेक्स के दौरान और भी अधिक विस्फोटक संभोग का सुख प्राप्त होता है। इस कॉम्बो ओर्गास्म के कारण पूरे शरीर में कंपन जैसा महसूस होता है।
5. इरोजेनस ओर्गास्म
शरीर के अन्य भागों जैसे की कान, निपल्स, गर्दन, कोहनी, घुटने, आदि पर किस करने या सेक्सुल तरीके से छूने पर उत्तेजित किया जा सकता है। यह ओर्गास्म को पाने में मदद करता है। आपको संवेदनशील हिस्सों को छुने की कला आनी चाहिए।
6. कन्वल्सिंग ओर्गास्म
कन्वल्सिंग ओर्गास्म ऐसे ऑर्गेज्म होते हैं जिनके कारण बहुत जल्दी और बार बार पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां में ऐंठन आती हैं। इस प्रकार के ओर्गास्म को आमतौर पर लंबे बिल्डअप के बाद पाया जा सकता है।