Gender Digital Divide: हमारे भारत देश में दिन पर दिन नए टेकनोलोजी आ रहें और देश में वक्त के साथ डिजिटीलाइज़ेशन भी हो रहा है लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में लैंगिक डिजिटल विभाजन की समस्या भी उत्पन हो रहीं हैं इसका ये अर्थ है कि अगर एक व्यक्ति फीमेल है तो उसे एक लड़के के मुकाबले टेक्नोलॉजी का कम एक्सेस हैं और भारत में ये समस्या काफी देखने हो मिल रहीं हैं। जब भारत में कोविड आया तबसे देश में लोगों का डिजिटल होने के तरफ रुख तेजी से बढ़ा है लेकिन साथ में ये लैंगिक डिजिटल विभाजन जैसे गंभीर समस्या को भी जन्म दिया हैं आइये विस्तार से इसके बारे में हम आपको बताते हैं।
क्या है लैंगिक डिजिटल विभाजन और इससे कैसे करें डील
जबसे लॉकडाउन लगा तबसे हर घर में फोन, टीवी, इंटरनेट का इस्तमाल तेजी से बढ़ा लेकिन साथ में पुरुष के मुकाबले एक महिला को अपने घर में कम डिजिटल एक्सेस मिला है। बल्कि कोविड के वक्त जब सब अपने अपने घरों में बंद थे तब महिलाओ के प्रति वाइलेंस में तेजी से बढ़ावा देखने को मिला है और साथ ही महिलओं ने डिजिटल विभाजन जैसे समस्या का भी सामना किया हैं। ज्यादातर ये विभाजन पीछडे वर्ग जैसे छोटे गाव और टाउन में देखने को मिला है।
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के 2020 के रिपोर्ट के हिसाब से 42% पुरुष के मुकाबले सिर्फ 26% महिलओं को भारत में इंटरनेट का एक्सेस है। वही बड़ों के मुकाबले 9 - 29 वर्ष के लोग इंटरनेट से ज्यादा कनेक्टेड हैं। वहीं इंटरनेट में सबसे ज्यादा पोपुलर सोशल मीडिया यूसेज हैं। सोशल मीडिया पर ब्लैकमेल, महिलाओं के प्रति दूर व्यवहार, साइबर क्राइम आदि डिजिटल विभाजन के मुख्य कारणों में से एक हैं यहाँ तक कि डिजिटीलाइज़ेशन के कारण क्रिमिनल साइबर केसेज में भी तेजी से बढौतरी देखने को मिला हैं।
भारत के संस्कृति में पितृसत्तात्मकता हैं इससे कोई इंकार नहीं कर सकता हैं जिसके वजह से कुछ घरों में एक महिला अगर फ़ोन भी चला रहीं हैं तो भी वो किसी पुरुष के देख रेख में इस्तमाल कर रहीं हैं लोगों के अंदर एक डर है कि अगर महिलाए सोशल मीडिया या इंटरनेट का ज्यादा उपयोग करेगी और उनके साथ कोई ऑनलाइन हैरेसमेंट हुआ तो उससे पूरे परिवार की बदनामी होगी जिसके वजह से कई घरों में महिलाओं को सोशल मीडिया का इस्तेमाल से भी रोका है।
यहीं सब कारणों के वजह से जब शिक्षा ऑनलाइन हुआ तब इसमें भी महिलाओं के शिक्षा को ज्यादा महत्व नहीं दिया गया जिससे महिलाओं के शिक्षा स्तर, जॉब आदि में तेजी से गिरावट देखने को मिली भारत में इस समस्या को डील करने के लिए डिजिटल साक्षरता की जरुरत है ताकि हम उन महिलाओं को आगे ले जा सके जोकि डिजिटल विभाजन को फेस कर रहीं हैं।