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एटेलोफोबिया एक ऐसा मानसिक डर और फ़ोबिया है, जो उत्कृष्टता (परफेक्शनिज़्म) और हार के डर से जुड़ा होता है। इससे ग्रसित व्यक्ति को लगता है कि वह कभी “परफेक्ट” नहीं हो पाएगा। यह साधारण परफेक्शनिज़्म से अलग है, क्योंकि इसमें व्यक्ति रोज़मर्रा के जीवन में तनाव के कारण सही से कार्य नहीं कर पाता।
क्या आप हमेशा परफेक्शन के पीछे भागते हैं? जानिए Atelophobia की सच्चाई
एटेलोफोबिया के मानसिक लक्षणों में तनाव और चिंता, निर्णय लेने में कठिनाई, आत्म-संवेदनशीलता के कारण स्वयं को कम आंकना आदि शामिल हैं। इसके शारीरिक लक्षणों में पैनिक अटैक (हृदय की तेज़ गति, साँस फूलना, पसीना आना), नींद न आना, बेचैनी, खान–पान में गड़बड़ी आदि हो सकते हैं।
महिलाओं में एटेलोफोबिया
महिलाओं को हमेशा अपने कार्य पूरी तरह सही तरीके से करने का सामाजिक दबाव रहता है, चाहे वह गृहस्थी हो, पेशेवर जीवन हो या सामाजिक दायित्व। एटेलोफोबिया का सबसे बड़ा कारण समाज की अपेक्षाएँ और तुलना की प्रवृत्ति है। सोशल मीडिया आने के बाद यह दबाव और बढ़ गया है, जहाँ हम दूसरों को हमसे बेहतर जीवन जीते हुए देखते हैं, जबकि वास्तविकता अक्सर अलग होती है।
इसका नतीजा यह होता है कि महिलाएँ स्वयं की आलोचना करने लगती हैं, जिससे आत्मविश्वास में कमी आती है। धीरे–धीरे यह चिंता और अवसाद जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
निवारण और समाधान
एटेलोफोबिया के इलाज के लिए कई प्रकार की थेरेपी उपलब्ध हैं। किसी मनोवैज्ञानिक से परामर्श लेना बेहद लाभदायक हो सकता है। साथ ही कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. अपनी गलतियों को स्वीकारें
खुद को माफ करना सीखें। गलतियों से सीखें और उन्हें कोसने के बजाय शांत मन से सुधारने का प्रयास करें। याद रखें, पूर्णता एक भ्रम है।
2. स्वयं का ख्याल रखें
मन को शांत रखने के लिए योग करें, संतुलित आहार लें, पर्याप्त नींद लें। ध्यान करें और हल्का, सुकून देने वाला संगीत सुनें।
3. नकारात्मकता से दूर रहें
ऐसे लोगों से दूर रहें जो आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। भारी या तनावपूर्ण फिल्में देखने से भी बचें।
4. सकारात्मक लोगों का साथ रखें
अपने परिवार के संपर्क में रहें, अच्छे मित्र बनाएं, जिनसे आप बेहिचक अपनी परेशानियाँ साझा कर सकें।
महिलाओं के लिए यह समझना आवश्यक है कि पूर्णता एक मिथक है। स्वयं से प्रेम करना सीखें, जिससे आत्मविश्वास बढ़ेगा। छोटी–छोटी उपलब्धियों का जश्न मनाएँ और अपनी तुलना किसी से न करें। आप अद्वितीय हैं, और हर किसी का अपना अलग जीवन है।
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