Gender Neutral Parenting: कैसे एक अच्छी परवरिश दे सकती है सही दिशा

अगर आप लड़के हैं तो आपको बाहर खेलना चाहिए न कि किचन में। अगर आप एक लड़की हैं तो आपको बाहर नहीं जाना चाहिए बल्कि किचन में अपनी मां की मदद करनी चाहिए। चलिए जानते हैं इस ओपिनियन ब्लॉग के जरिए, मिसकनसेप्शन के बारे में और कैसे इन्हें हटाया जा सकता है

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Aastha Dhillon
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Gender Neutral Parenting: जेंडर रोल्स, यानि लिंग भूमिकाएं और पहचान सदियों से हमारे साथ रही हैं। माता-पिता अपने बच्चों को उनके लिंग के अनुसार व्यवहार करना और कार्य करना सिखाते हैं। वे उन्हें जेंडर रोल के इर्द-गिर्द सामाजिक स्टिग्मा(social stigma) को इंटरनलाइस करने के लिए प्रेरित करते हैं। अगर आप लड़के हैं तो आपको बाहर खेलना चाहिए न कि किचन में। अगर आप एक लड़की हैं तो आपको बाहर नहीं जाना चाहिए बल्कि किचन में अपनी मां की मदद करनी चाहिए। नियम से परे एक कदम को एक ऐसे कार्य के रूप में फटकार लगाई जाती है जो सदियों पुरानी परंपरा के लिए खतरा है। जो बच्चे ट्रडीशनली विपरीत लिंग के किसी काम या खेल को आज़माने की कोशिश करते हैं उन्हें दंडित किया जाता है और कभी-कभी उनके व्यक्तित्व में दोष के रूप में माना जाता है।

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क्या पेरेंटिंग और पालन-पोषण परंपराओं पर निर्भर होना चाहिए? क्या पेरेंटिंग बच्चों को स्वीकार करने और उन्हें वह होने देने के बारे में नहीं होना चाहिए जो वे हैं? क्या माता-पिता को अपने बच्चों को सामाजिक नियमों पर निर्भर होने के बजाय independent होना नहीं सिखाना चाहिए? 

कैसे कर सकते हैं जेंडर न्यूट्रल पेरेंटिंग?

1.बच्चों को रंगों में लिमिट मत कीजिए 

 घरों में देखा जाता है लड़की है तो पिंक ही पहनेगी अगर लड़का है तो वह ब्लू पहनेगा। उस चीज़ के कारण दोनों के अंदर बीच अंतर पैदा होगा। लड़की पिंक नहीं पहनेगा। इससे वे हर उस लड़के को जज जिसे पिंक कलर पसंद होगा और जो इसे वीयर करेंगा।

2.टॉय्स में भी भेदभाव मत कीजिए 

अक्सर जब खिलौनों की बात आती हैं माँ-बाप लड़कियों को ‘डॉल’, लड़कों को ‘सुपर हिरोस’, कार, फूटबाल आदि चीजें ख़रीद कर देते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। ज़रूरी नहीं है लड़कियों को मार्वल्ज़, कार्स, या स्पोर्ट्स के खिलौनों का शौक़ नहीं  हो सकता है। ये सब समाज की सोच का नतीजा है।

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3.उनका करियर जेंडर पर तय मत कीजिए 

उनके करियर भी जेंडर मत आने दीजिए कि अगर लड़का तो लड़की ‘डान्स’ में जा सकता है। लड़के को शेफ़ नहीं बनने दिया जाता है। अब ये चीजें बदल रही है लेकिन फिर भी आप घर से ही इस चीज़ का ध्यान रखें।

4.कपड़ों को आप डिसाइड मत करें

ये भी नहीं है कि सिर्फ़ लड़कियों  को 'मेकअप; का शौक़ होता है। यह लड़कों को भी हो सकता है।आप ये फ़ैशन, मेकअप, Clothing सब चीज़ें पहले से जेंडर के आधार पर मत निश्चित कीजिए।

5.ट्रांसजेंडर लोगों के लिए ख़राब

आपका बच्चा ट्रांसजेंडर है या नहीं, आपको तब तक नहीं पा चलेगा जब तक वे आपको न बताएं, और अगर आप उन पर जेंडर रोल फ़ोर्स करेंगे, वे आपको कभी नहीं बता पाएंगे। ऐसा भी हो सकता है की आप किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति के सामने अपने बच्चे को जेंडर रोल के बारे में कुछ बोले, और उन्हें यह बात चुभ जाए।

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