दशहरा नवरात्रि के अंत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय भारतीय त्योहारों में से एक है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह त्योहार महिषासुर राक्षस पर देवी दुर्गा की विजय और रावण पर भगवान राम की जीत का जश्न मनाता है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। देश के कई हिस्सों में लोग इस दिन को नया व्यवसाय या नया निवेश शुरू करने के लिए शुभ मानते हैं। भारत के दक्षिणी हिस्सों में, इस दिन छोटे बच्चों को स्कूलों में प्रवेश देना शुभ माना जाता है।
Dussehra 2022: जानिए नवरात्रि और विजयादशमी की तिथि
- दशहरा 2022: दशहरा इस साल 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
- टाइम: दशमी तिथि 4 अक्टूबर दोपहर 2:20 से लेकर 5 अक्टूबर दोपहर 12 बजे तक ख़त्म होगा।
नवरात्रि 2022: तिथियों की पूरी सूची
- 26 सितंबर- प्रतिपदा
- 27 सितंबर-- द्वितीया
- 28 सितंबर-- तृतीया
- 29 सितंबर- चतुर्थी
- 30 सितंबर-- पंचमी
- 1 अक्टूबर - षष्ठी
- 2 अक्टूबर- सप्तमी
- 3 अक्टूबर- अष्टमी
- 4 अक्टूबर- नवमी/दशमी
दशहरा कब मनाया जाएगा?
हिंदू धर्म में दशहरा यानी विजयादशमी के पर्व का विशेष महत्व होता है। हर साल अश्विन माह में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था और माता सीता को उसके चंगुल से आजाद किया था।
तभी से हर साल दशहरा यानी विजयादशमी के दिन लोग रावण के पुतले का दहन करके बुराई के ऊपर अच्छाई की जीत का पर्व मनाते हैं। हर साल ये पर्व धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल दशहरा 05 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
दशहरा पूजा का आखिर क्या है महत्व
विजयादशमी यानी दशहरा के दिन मां दुर्गा और प्रभु श्रीराम की पूजा की जाती है। एक तरफ मां दुर्गा जहां शक्ति की प्रतीक हैं, वहीं भगवान राम मर्यादा, धर्म और आदर्श व्यक्तित्व के प्रतीक हैं। कहा जाता है कि जीवन में शक्ति, मर्यादा, धर्म और आदर्श का विशेष महत्व है, जिस व्यक्ति के भीतर ये गुण होते हैं वह सफलता को प्राप्त करता है। इसलिए दशहरा पूजा अवश्य करनी चाहिए।
दशहरा या दशहरे के दिन सुबह जल्दी स्नान करके साफ कपड़े पहनें। इसके बाद प्रभु श्री राम, माता सीता और हनुमान जी की पूजा करें।