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भारत की पारंपरिक रसोई में मिस्सी रोटी का अपना एक खास स्थान है। यह न केवल स्वाद में लाजवाब होती है बल्कि इसे बनाने की प्रक्रिया भी काफी खास होती है। हालांकि, हाल ही में यह पारंपरिक रोटी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। आइए जानते हैं मिस्सी रोटी क्या है, इसका इतिहास और क्यों यह आजकल ट्रेंड कर रही है।
मिस्सी रोटी क्या है? क्यों हो रही है आजकल इसकी चर्चा ?
मिस्सी रोटी क्या है?
मिस्सी रोटी उत्तर भारत, खासतौर पर राजस्थान और पंजाब का एक पारंपरिक व्यंजन है। इसे गेहूं के आटे और बेसन (चने के आटे) के मिश्रण से बनाया जाता है। इसमें मसाले जैसे अजवाइन, हींग, हल्दी, और धनिया पत्ती मिलाई जाती है, जिससे इसका स्वाद और अधिक बढ़ जाता है। यह रोटी अक्सर घी के साथ परोसी जाती है और इसे दही, आचार या चटनी के साथ खाया जाता है।
मिस्सी रोटी का इतिहास और महत्व
मिस्सी रोटी का इतिहास ग्रामीण भारत से जुड़ा है। यह उन क्षेत्रों में लोकप्रिय है जहां भोजन को सादगी और पोषण के साथ बनाया जाता है। बेसन के इस्तेमाल से यह रोटी प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है। यह न केवल खाने में स्वादिष्ट होती है बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यही वजह है कि इसे पारंपरिक भोजन का हिस्सा माना जाता है।
मिस्सी रोटी क्यों हो रही है चर्चा में?
हाल ही में एक अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट ने मिस्सी रोटी को दुनिया के सबसे खराब व्यंजनों में शामिल किया। इस लिस्टिंग ने भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स को नाराज कर दिया, और लोग इस रोटी का बचाव करते हुए पोस्ट्स और ट्वीट्स करने लगे।
एक यूजर ने लिखा, "मिस्सी रोटी को सबसे खराब कहना हमारी संस्कृति का अपमान है। यह रोटी तो बचपन से हमारी थाली का हिस्सा रही है।" दूसरे ने कहा, "यह रोटी सिर्फ भोजन नहीं, हमारी परंपरा और पहचान का हिस्सा है।"
मिस्सी रोटी के स्वास्थ्य लाभ
पोषण से भरपूर: इसमें बेसन और आटा दोनों होते हैं, जो इसे प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत बनाते हैं।
फाइबर युक्त: यह पाचन को बेहतर बनाती है और शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा देती है।
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स: डायबिटीज के मरीजों के लिए यह एक बेहतर विकल्प है क्योंकि यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखती है।
सर्दियों में फायदेमंद: इसमें मसाले और घी का उपयोग इसे सर्दियों के लिए आदर्श बनाता है।