Advertisment

पीरियड शेमिंग क्या होती है? इसे कैसे खत्म किया जा सकता है ?

author-image
Swati Bundela
New Update
हर जगह पीरियड शेमिंग का होना आम बात है। हालांकि इसके सबसे ज्यादा किस्से स्कूल्स, कॉलेज और घर में ही सुनने को मिलते हैं। पीरियड शेमिंग प्रभाव का शिकार होने वाली महिलाएं इसको सहने के बाद काफी चुप और एंक्सियस हो जाती हैं। पीरियड शेमिंग किसी भी महिला को मानसिक और भावनात्मक दोनों ही रूप से प्रभावित कर सकती है।

Advertisment

पीरियड शेमिंग क्या होती है ?



जब भी कोई महिला पीरियड्स पर हो तो इसके बारे में किसी के द्वारा उसका मजाक उड़ाना, पीरियड लीक के कारण लड़की को बुरा भला और गैर जिम्मेदार कहना और साथ साथ उन्हें चुभने वाली बातें कहना पीरियड शेमिंग कहलाती है।
Advertisment


पीरियड शेमिंग के महिलाओं पर क्या प्रभाव होते हैं ?



ऐसे कई केसेस सामने आते हैं जहां पीरियड्स पर महिलाओं को गंदा, अपवित्र और बुरा कहा जाता है। कई बार खुद महिलाएं ही पीरियड्स पर महिलाओं को उनके पीरियड लीक के लिए डांट और उनके साथ गलत व्यवहार करती हैं।
Advertisment




पीरियड शेमिंग महिलाओं को और पहली पहली बार मेंस्ट्रुएट होने वाली लड़कियों को मानसिक रूप से तनाव में डाल सकती है और वह अपने आप को कमतर या अपवित्र कहना शुरू कर देती हैं।

Advertisment

पीरियड शेमिंग को कैसे खत्म किया जा सकता है ?



1. मां बाप का रोल

Advertisment


किसी भी चीज की शुरुआत घर से ही होती है। इसलिए पीरियड्स के बारे में सबसे पहले मां बाप को ही अपने बच्चों को सही जानकारी देनी चाहिए। मुख्य रूप से घर में मां ही अपनी बेटी को पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में बताती है जबकि इन बातों का हिस्सा घर के मर्दों को भी होना चाहिए।

Advertisment

2. टीचर्स कैसे करें जागरूक ?



स्कूल में जब क्लासेज में रिप्रोडक्शन और प्यूबर्टी का चैप्टर आता है तो ज्यादातर टीचर्स हल्की फुल्की बातें बता कर ही चैप्टर बंद कर देते हैं जबकि उन्हें ऐसा करने की बजाय लड़की और लड़कों दोनों को ही मेस्ट्रुएशन, इसके कारण, इसके प्रभाव अच्छे से बताने चाहिए।



पीरियड से जुड़े हर प्रकार के मिथ्स भी टीचर्स और माता पिता को ही बच्चों के दिमाग में लाने से रोकना चाहिए। पीरियड शेमिंग के प्रभाव को कम करना ज़रूरी है।
सोसाइटी
Advertisment