युवा बच्चो के साथ साथ एक शिशु को भी नही बक्शा जा रहा है। देश में नाबालिग बच्चो के साथ यौन शोषण और बलात्कार के मामले प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है। एक संस्था द्वारा की कई जनगणना के अनुसार देश में हर रोज 100-130 बच्चे इस अपराध का शिकार होते है। यह आंकड़ा एक चिंता का विषय है। पर क्या इन अपराधो को रोकने के लिए कोई कानून या प्रावधान है? इसके लिए बनया गया कानून है पोक्सो एक्ट।
क्या है पोक्सो एक्ट?
पोक्सो एक्ट अर्थात the protection of children from sexual offence act, (pocso). हिंदी में इसका अर्थ है लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम। यह कानून 2012 में महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा बनाया गया था। इस कानून को नाबालिक बच्चो के साथ किए जाने वाले अपराधो को मद्देनजर रखते हुए बनाया गया। यह कानून समान रूप से लड़का और लड़की दोनो को सुरक्षा प्रदान करता है। इस कानून के अंतर्गत नाबालिक बच्चो के प्रति यौन उत्पीडन, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराधों की कार्यवाही की जाती है। इस कानून में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के प्रति किए गए अपराध की करावाही होती है। इस कानून के अंतर्गत 46 धाराएं है जिसके लिए अलग - अलग अपराध के लिए सजा निर्धारित की गई है।
पोक्सो एक्ट की कुछ खास बातें: इस कानून में लिखी गई कुछ खास बातों पर रोशनी डालना ज़रूरी है -
मेडिकल जांच का नियम : ऐसे मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के 24 घंटे के अंतराल में मेडिकल जांच की जाती है। इस जांच का बाल कल्याण समिति के समक्ष किया जाना अनिवार्य है। इस जांच के दौरान बच्चे के माता पिता या किसी इस व्यक्ति का होना अनिवार्य हैं जिस पर बच्चे को विश्वास हो। यदि पीड़ित कोई लड़की है जो जांच महिला डॉक्टर द्वारा को जाती है।
फांसी का प्रावधान
यदि कार्यवाही के बाद यह साबित हो जाता है कि अपराधी कौन है तो इस कानून में फांसी का प्रावधान है। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के साथ किए गए शोषण की सजा फांसी है।
मीडिया की जिम्मेदारी
ऐसे मामलों में पुलिस और कानून के साथ - साथ मीडिया की भी जिम्मेदारी बनती है। इस कानून में यह साफ बताया गया है कि मीडिया किसी भी पीड़ित या अभियुक की तस्वीर या उससे जुड़ी हुई कोई भी जानकारी जनता तक नहीं पहुंचा सकता। वे केवल इस मामले के दौरान इस सच्चाई को दिखा सकते है जिसका उनके न्यायालय द्वारा आदेश है। वे पीड़ित की प्रतिष्ठा का किसी भी प्रकार से हनन नहीं कर सकते।
समय के साथ कानून में बदलाव
2012 के बाद पोक्सो एक्ट में कुछ बदलाव किए गए। अब 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के साथ हुए शोषण की सजा माउंट है। वहीं 16 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ शोषण की सजा 10 साल से बढ़ा कर 20 साल कर दी गई है। कानून के साथ हमारी भी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखें और उन्हें सही गलत में फर्क समझाए।