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प्यूबर्टी क्या है, और इसे कैसे हैंडल किया जाए ?
प्यूबर्टी मनुष्य के जीवनकाल का वह समय है जब एक लड़का और लड़की के सभी प्रमुख अंग और बॉडी सिस्टम सेक्सुअल रूप से डेवलप होना शुरू होते है। ये एक ऐसी प्रक्रिया है जो आमतौर पर लड़कियों में 10 से 14 वर्ष और लड़कों में 12 से 16 वर्ष की उम्र के बीच होती है। इस प्रक्रिया के दौरान लड़के एवं लड़कियों में कुछ शारीरिक परिवर्तन देखने को मिलते हैं। यह प्रक्रिया लड़के और लड़कियों दोनों को अलग अलग तरह से प्रभावित करते हैं।
प्यूबर्टी की प्रक्रिया के दौरान लड़कियों में होने वाले परिवर्तन :
- ब्रैस्ट- लड़कियों में प्यूबर्टी का सबसे पहला संकेत स्तनों का विकास होता है
- हेयर ग्रोथ- लड़कियों में प्यूबर्टी के दौरान उनके जननांग और अंडर आर्म्स में हेयर ग्रोथ होना शुरू हो जाती है और हाथ पैरों के बाल डार्क होने लगते है।
- मुँहासे- प्यूबर्टी के प्रक्रिया के दौरान आपके चेहरे, गर्दन, कंधों और पीठ के ऊपरी हिस्से पर मुँहासे , सिस्ट , ब्लैकहेड्स और व्हिटहेड्स जैसी समस्याए देखने को मिलती है।
- पीरियड्स- प्यूबर्टी के दौरान लड़कियों में मासिक धर्म की शुरुआत हो जाती है हालाँकि मासिक धर्म एक मासिक चक्र होता है लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान आपके मासिक धर्म की अवधि हर महीने अलग अलग हो सकती है , किसी महीने आपके पीरियड्स एक या दो दिन में भी ख़त्म हो सकते है और कई बार ये ख़त्म होने में 10 से 15 दिन तक का समय भी ले लेते है।
प्यूबर्टी की प्रक्रिया के दौरान लड़कों में होने वाले परिवर्तन:
1. लम्बाई और मसल का विकास- प्यूबर्टी के दौरान लड़कों की लम्बाई बढ़ने और मांशपेशियां मजबूत होने लगती हैं , और ये बदलाव सभी लड़कों में एक जैसे नहीं होते , कुछ की लम्बाई एक साथ बढ़ जाती है और कुछ की धीरे धीरे बढ़ती है।
मुँहासे - लड़कियों की ही तरह प्यूबर्टी के दौरान लड़कों को भी मुहासों की समस्या का सामना करना पड़ता है।
2. आवाज- आपकी आवाज मोटी और भारी होने लगती है। आवाज के स्वर में उतार- चढाव के कारण इसे 'वॉयस ब्रेकिंग' भी कहा जाता ह।
3. हेयर ग्रोथ- प्यूबर्टी के दौरान लड़कों के चेहरे पर दाढ़ी एवं मूछों का निकलना शुरू हो जाता है। बगलों, शरीर के लोअर पार्ट यानि प्यूबिक एरिया और हाथ पैरों पर भी बालों की ग्रोथ होना शुरू हो जाती है।
4. ब्रेस्ट का विकास- लड़कों में भी ब्रेस्ट का विकास होता है लेकिन ये लड़कियों में होने वाले स्तनों के विकास से बहुत अलग होता है।
प्यूबर्टी के दौरान लड़कों और लड़कियों में कुछ भावनात्मक परिवर्तन भी देखने को मिलते है। जैसे कि-
- विपरीत जेंडर कि तरफ आकर्षित होना
- बार बार खुद को शीशे में देखना
- अपने आप को लोगों के बीच अच्छा दिखने के लिए बार बार सजना- सँवरना
- अपने मूड, एनर्जी एवं सोने के पैटर्न में बदलाव महसूस करना
प्यूबर्टी को कैसे संभाले
अपने माता पिता या किसी बड़े भाई- बहन और दोस्तों से बात करे जो आपको आपके शरीर में होने वाले बदलावों के बारे में विस्तार से समझा सके और प्यूबर्टी कि वजह से होने वाले बदलावों से पैदा होने वाले डरको ख़त्म कर सके।
माँ को अपना प्यूबर्टी विशेषज्ञ बनाए , उनसे पीरियड्स के बारे में खुल कर बात करे। अपनी माँ से पैड का इस्तेमाल करना सीखें और उनके साथ बाजार जाकर ब्रा खरीद कर लाये।
सकारात्मक सोचें सही जीवनशैली अपनाये और अपने दोस्तों और माता पिता के साथ अपने जीवन के इस नए सफर का भरपूर आनंद उठाये। प्यूबर्टी सिर्फ समय के साथ आपके शरीर में होने वाले बदलावों कि एक प्रक्रिया है कोई बीमारी नहीं, इस लिए डरें नहीं।